बगहा: बिहार के बगहा के रामनगर में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपने रामकथा वाचन के अंतिम दिन सीएम नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने सीएम द्वारा सदन में दिए गए बयान पर कहा कि जिस समय सीएम ने कामशास्त्र की विवेचना की. उसी समय उनकी जीभ क्यों नहीं काट ली गई. तेजस्वी के भी साइंस ज्ञान को भी उन्होंने आड़े हाथो लिया. पश्चिमी चंपारण के रामनगर में जगद गुरु रामभद्राचार्य के कथा वाचन का समापन हो रहा है.
"सदन काम शास्त्र की व्याख्या करने की जगह नहीं है. बिहार के इस मुख्यमंत्री को क्या हो गया है, मुझे समझ नहीं आ रहा है. जब वह बयान दे रहा था उसी क्षण तत्काल उसकी जीभ क्यों नहीं काट ली गई."- जगद्गुरु रामभद्राचार्य
'नीतीश कुमार का बयान दुर्भाग्यपूर्ण ': रामकथा वाचन के अंतिम दिन जगद गुरु ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सदन में दिए गए बयान को अशिष्टता करार देते हुए जमकर कोसा. उन्होंने बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि रामायण काल में रावण या किसी अन्य ने भी ऐसा अशिष्ट बयान नहीं दिया था. राज्यपाल को चाहिए था की तत्काल सीएम को बर्खास्त कर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाए. उन्होंने लालू यादव की तारीफ करते हुए कहा कि लालू यादव ने भी अपनी राजनीति काल में कभी ऐसा बयान नहीं दिया.
'सदन नीति निर्धारण की जगह है' : जगद्गुरू ने कहा कि पशु भी जानता है कि यह क्या होता है. कुत्ता भी इतना अशिष्ट नहीं होता. तेजस्वी द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव करने पर भी जगद गुरु रामभद्राचार्य ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने साइंस में इसकी शिक्षा दी जाती है, कहकर सीएम का बचाव किया तो क्या सदन कामशास्त्र के व्याख्या करने की जगह है या नीति निर्धारण करने की जगह है.
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