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बेतिया: कोरोना को लेकर कोर्ट भी सजग, 31 मार्च तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी पेशी

कोरोना वायरस को लेकर न्यायालय ने 31 मार्च तक कैदियों की पेशी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराने के आदेश दिए हैं. वहीं, 31 मार्च तक कोर्ट में पेशी के लिए आने वाले वारंटी, कैदी और अन्य की पेशी नहीं हो पाने पर उनपर कोई दंडात्मक कार्रवाई भी नहीं की जाएगी.

कोरोना को लेकर न्यायालय भी सजग
कोरोना को लेकर न्यायालय भी सजग

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Published : Mar 16, 2020, 6:06 PM IST

बेतिया: कोरोना वायरस को लेकर अब न्यायालय भी सजग हो गया है. इसको लेकर हाईकोर्ट पहले ही आदेश दे चुका है. जिसके बाद बेतिया कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभिमन्यु लाल श्रीवास्तव ने आदेश पारित करते हुए कहा कि 31 मार्च 2019 तक जेल में बंद कैदी की कोर्ट में पेशी नहीं की जाएगी. उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी.

'पेश नहीं होने पर भी नहीं होगी कार्रवाई'
इस वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कोर्ट ने अगले आदेश तक कैदियों की पेशी को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कोरोना वायरस को लेकर न्यायालय में भीड़ जमा नहीं हो, इसलिए यह आदेश जारी किया गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि तारीख पर आने वाले गवाह, परिवादी, अभियुक्त और वारंटी अगर अपने तारीख पर कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो 31 मार्च तक उनके ऊपर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

हाई अलर्ट पर है बिहार
गौरतलब है कि कोरोना को लेकर पूरे देश में दहशत का माहौल है. इस वायरस से बचाव के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. वायरस से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही बिहार में हाई अलर्ट जारी किया है. इसको लेकर सीएम लगातार बैठक भी कर रहें हैं. नीतीश कुमार बीते दो सप्ताह में सोमवार शाम को तीसरी बैठक करेंगे. वहीं, इस वायरस को लेकर प्रदेश के कई जिलों में धारा 144 भी लगाई गई है. जिसको सीएम नीतीश ने जल्द से जल्द हटाने के आदेश दिए हैं. इस वायरस के बढ़ते असर को देखते हुए सीएम ने कहा कि लोगों के बीच कोरोना को लेकर अफवाह नहीं फैले, इसके लिए वे लगातार बैठक कर रहे हैं.

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