पश्चिमी चंपारण: बिहार के बेतिया में (Bettiah Flood) इस साल की दूसरी बाढ़ ने हर तरफ तबाही मचाई है. बारिश और बाढ़ की वजह से लोगों की परेशानी फिर से बढ़ गई है. बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों का पलायन (Migration) जारी है. वहीं, दूसरी तरफ कई लोगों की शादी भी बाढ़ (Wedding in Flood) की वजह से प्रभावित होना शुरू हो गयी है.
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बाढ़ के पानी में फंसी बारात
ऐसा ही एक मामला बेतिया जिले के लौरिया प्रखण्ड के बसन्तपुर पंचायत से आया है. जहां एक पिता ने अपनी बेटी की शादी की पूरी तैयारी कर रखी थी. घर में मेहमान और रिश्तेदार भी पहुंच गए थे, लेकिन अचानक उनका गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर गया. गांव में आई अचानक बाढ़ ने शादी समारोह की तैयारियों पर पानी फेर दिया. बावजूद इसके दोनों पक्षों ने सूझबूझ दिखाई और करीब 4 से 5 फीट पानी में ट्रैक्टर से दूल्हे को दुल्हन के दरवाजे तक जाना पड़ा.
ट्रैक्टर से पार की सिकरहना नदी
दरअसल, जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर लौरिया प्रखंड के छरदवाली तिवारी टोला गांव निवासी घनश्याम तिवारी ने अपनी बेटी की शादी की सारी तैयारियां कर रखी थी. गाड़ियों के काफिले के साथ दूल्हा आलोक जैसे ही सिकरहना नदी से आधा किलोमीटर दूर सतवरिया लचका पर पहुंचा. आगे का रास्ता बाढ़ में डूबा मिला. लेकिन, दुल्हन पक्ष के लोग ट्रैक्टर लेकर उन्हें ले जाने के लिए वहां तैनात थे.
4 से 5 फीट पानी में ट्रैक्टर से गया दूल्हा
काफी समझाने के बाद बाराती ट्रैक्टर से जाने को तैयार हुए. बाढ़ के कारण दूल्हे को करीब 2 किलोमीटर बाढ़ के पानी में जाने के बाद टूटी फूटी सड़कों पर ट्रैक्टर से दुल्हनिया के दरवाजे पर परिणय सूत्र में बंधने के लिए जाना पड़ा. शादी के बाद दूल्हे राजा अपनी दुल्हनिया कुमारी रविना को लेकर अपने घर पूर्वी चंपारण के इजरा गांव लेकर आए. लेकिन, दुल्हन को भी दूल्हे राजा के साथ अपने ससुराल ट्रैक्टर से जाना पड़ा.
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बता दें कि लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकांश नदियों का जलस्तर (Flood Situation in Bihar) बढ़ने लगा है. नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. वाल्मीकिनगर बैराज से शुक्रवार सुबह करीब 2 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. बगहा में धनहा-रतवल मुख्य मार्ग ध्वस्त हो गया था. इससे यूपी-बिहार का संपर्क भी टूट गया. ग्रामीणों को डर सता रहा है कि अभी पूरा मानसून बाकी है. हालात ऐसे ही रहे तो कटाव और बाढ़ के खतरों के बीच जिंदगी कैसे चलेगी?