बेतिया:बिहार में शिक्षा और बदहाली एक दूसरे के पूरक हो चुके हैं. आलम यह है कि पूरे राज्य में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की कई तस्वीरें आए दिन देखने को मिलती है. इसके बाद भी शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को दूर करने के लिए कोई पहल नहीं किया जाता है. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार बेटियों को शिक्षा देने के लिए मुकम्मल इंतजाम तक नहीं कर पा रही है.
बेतिया: 50 साल में भी नहीं बदली स्कूल की सूरत, सुविधाओं का है घोर अभाव
स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने बताया कि स्कूल में पीने का पानी, पढ़ने के लिए क्लास रूम और शौचालय की सुविधा नहीं है. इससे काफी परेशानी होती है.
बात कर रहे हैं शहर के बीचोबीच स्थित केदार पांडे उच्च विद्यालय की. जिसकी स्थापना 1971 ई. में की गई. लेकिन स्थापना के लगभग 50 साल बाद भी इस विद्यालय में बेटियों को पढ़ने के लिए समुचित व्यवस्था सरकार नहीं कर सकी है. आलम यह है कि 3 कमरों में ही 200 लड़कियों को किसी तरह पढ़ाया जाता है. इन 200 छात्राओं के लिए महज एक शौचालय है. जिसके कारण छात्राओं को काफी परेशानी होती है. सबसे हैरत की बात तो यह है कि छात्राओं के लिए पीने का पानी की भी व्यवस्था भी स्कूल में नहीं है.
'नहीं होती है सुनवाई'
बताया जाता है कि इस विद्यालय की कई दीवार जर्जर हो चुकी है. जो किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है. स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने बताया कि स्कूल में पीने का पानी, पढ़ने के लिए क्लास रूम और शौचालय की सुविधा नहीं है. इससे काफी परेशानी होती है. इस स्कूल की समस्या को लेकर शिक्षक केदार राम ने कहा कि कई बार विद्यालय की समस्या को लेकर विभाग को चिट्ठी लिखी गई है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है.