बेतिया: जिनके कंधे पर शहर को स्वच्छ और साफ रखने का जिम्मा हो, अगर उनके ही वॉर्ड में कचरे का अंबार मिले और उस जगह बेतिया का ऐतिहासिक धरोहर हो तो क्या कहा जा सकता है. शहर के बसवरिया पिउनीबाग वॉर्ड नंबर 28 में ऐतिहासिक रानी पोखर स्थित है. जो आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. ऐतिहासिक धरोहर के रुप में जाना जाने वाला रानी पोखर कचरे का डंपिंग स्थल के रूप में दिखने लगा है.
अपनी बदहाली पर आंसू बहाता ऐतिहासिक रानी पोखर लगा है कचरे का अंबार
इस वार्ड के पार्षद कोई और नहीं बल्कि बेतिया नगर परिषद के उपसभापति कयूम अंसारी हैं. जिनके कंधे पर नगर को साफ रखने का जिम्मा होता है. लेकिन इनको अपने ही वार्ड का होश नहीं है. इनके वॉर्ड में ऐतिहासिक रानी पोखर है, जहां गंदगी का अंबार है. बेतिया शहर को साफ रखने की नसीहत देने वाले उपसभापति कयूम अंसारी के वार्ड में की ऐतिहासिक रानी पोखर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
रानी पोखर की दास्तान बताते ग्रामीण करीब 6 एकड़ में फैला रानी पोखर
करीब 6 एकड़ में फैला यह रानी पोखर आज इतिहास बनने के कगार पर पहुंच चुका है. एक समय था जब रानी पोखर सालभर पानी से लबालब भरा रहता था. पोखरे का उपयोग स्थानीय लोग नहाने और कामों के लिए करते थे. लेकिन अब अतिक्रमण के चलते यह विशाल पोखर सिमट गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो पोखर को कचरा डंपिंग प्वाइंट बना दिया गया है. चारों तरफ से पोखर पर अतिक्रमण हो गया है.
ऐतिहासिक रानी पोखर पर लगा कचरे का अंबार बेतिया राज के सहयोग से निर्मित
बेतिया राज के सहयोग से निर्मित यह ऐतिहासिक रानी पोखर आज मैदान के रूप में दिख रहा है. लबालब पानी से भरा रहने वाला पोखर अब पूरी तरह सूख गया है. इस पोखर के किनारे बेतिया राजघराने के सहयोग से बनाए गए घाट और सीढ़ी इस पोखर के इतिहास की गवाह है. लेकिन आजतक इस ऐतिहासिक रानी पोखर पर किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारियों की नजर नहीं गई. जिसके कारण आज जिले का ऐतिहासिक रानी पोखर सिमट गया है.