बेतिया:मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड (Muzaffarpur Cataract Case) मामले में अब पश्चिम चंपारण जिले से भी मामले सामने आ रहे हैं. जिले के नरकटियागंज प्रखंड के शेरहवा डकहवा पंचायत के चार लोगों को आंख के ऑपरेशन के बाद साफ-साफ दिखाई नहीं दे रहा है. ये सभी लोग मुजफ्फरपुर के जूरन छपरा स्थित आई हॉस्पीटल में ऑपरेशन करा कर लोटे हैं. आंख का ऑपरेशन कराकर लौटने वालों में ध्रुव चौधरी, अलगु साह, शंकर राम और लक्ष्मीणा शामिल हैं.
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इनमें लक्ष्मीणा, ध्रुव चौधरी और शंकर राम की बांयी आंख का और अलगु साह की दांयी आंख का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ है. ऑपरेशन कराकर लौटे लोगों ने बताया कि ऑपरेशन के पहले उन्हें साफ-साफ दिखाई देता था, लेकिन ऑपरेशन के बाद जिस आंख का ऑपरेशन हुआ उससे धुंधला दिखाई दे रहा है. पीड़ितों ने बताया कि मुजफ्फरपुर में उन्हें ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया. आंख में दवा डालने को दी गयी. फिर उन्हें उक्त हॉस्पीटल से निकालकर किसी दूसरे हॉस्पीटल में ले जाया गया. जहां अन्य मरीजों का आंख निकाला जा रहा था.
पीड़ितों ने बताया कि संयोगवश वहां पुलिस ने रेड कर दी. जिसके बाद परिजन उन्हें लेकर भागने में सफल रहे. पीड़ितों के अनुसार उनके सभी कागजात अस्पताल वालों ने पहले ही ले रखे थे. अस्पताल में इलाज के पूर्व उनका गलत एड्रेस भी अंकित किया गया था. पीड़ितों ने संदेह जताते हुए बताया कि आंख शिविर लगाकर चिकित्सकों ने आंख निकालने का रैकेट चला रखा था. उनकी आंख किसी तरह बच गयी. ऑपरेशन के बाद अभी भी उन्हे आंख में दर्द और धुंधलापन की शिकायत है. अब वे अन्य आंख के डाक्टर के पास जाने की तैयारी में हैं.
पीड़ितों ने बताया कि नरकटियागंज प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों के दर्जनों गांव के लोग गए थे. जिनकी आंख की ऑपरेशन की गई है. वहीं पंचायत के मुखिया अनुपधर दुबे ने बताया कि अस्पताल के दलाल इलाके में सक्रिय हैं और लोगों को बुलाकर ले गए. ऑपरेशन के बाद सभी के आंख से धुंधला दिखाई दे रहा है. सभी लोगों का पूर्जा गलत नाम और पते से बनाया गया है. मुखिया ने कहा कि अगर इन लोगों के साथ कोई दुर्घटना होता है तो पूर्जे वाले पते पर ढुंढ़ने से भी कोई नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए.