बेतिया: जिले मझौलिया प्रखंड के डुमरी महनवा पंचायत के वार्ड नंबर 5 के कोहडा हरिजन टोली के बाढ़ पीड़ितों का हाल बेहाल है. यहां किसी प्रकार की कोई प्रशासनिक सहायता नहीं पहुंचाई गई है. इस बाबत ग्रामीण आक्रोशित हैं. ईटीवी भारत की टीम से ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां किया है.
हमारे संवाददाता जितेंद्र कुमार गुप्ता को ग्रामीणों ने अपने गांव का हाल दिखाया. इनके पास खाने के लिए अनाज खत्म हो गया है. ग्रामीणों की मानें, तो मुखिया से लेकर सरकार का कोई भी अधिकारी इनका हालचाल जानने नहीं पहुंचा है. ऐसे में ये किसी तरह अपना गुजर बसर कर रहे हैं.
बेतिया से जितेंद्र कुमार गुप्ता की रिपोर्ट 'कई दिनों से फंसे हैं'
ग्राउंड जीरो पर पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता से गौडरी देवी अपने लफ्जों में कहती है, 'गांव का सड़क संपर्क टूट गया है. कौनों पूछने वाला नहीं है. कोई भी नहीं आया है. आप आए हैं बस. खाने को नहीं है. हम कई दिनों से यहां ऐसे ही फंसे हैं.'
ग्रामीणों की मदद से इस गांव में घुटने भर पानी को पार करते हुए ईटीवी भारत ने गांव के घरों का हाल जाना, तो पता चला कि ये लोग अपनी जान खतरे में डालकर रह रहे हैं. इस गांव के कई घर जर्जर हालत में हैं, जो बारिश के दौरान कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं.
महनवा पंचायत के वार्ड नंबर 5 का हाल मुखिया ने नहीं उठाया फोन
ईटीवी भारत ने इस जनसमस्या को लेकर मुखिया से बात करनी चाही लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा. यहां तकरीबन 200 बाढ़ पीड़ित अपने परिवार के साथ दिन रात प्रशासनिक मदद की आस लगाए बैठें हैं. लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.
गांव की गौडरी देवी ही नहीं, कई महिलाओं ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. कृष्णावती देवी कहती हैं कि गांव के हाल बेहद खराब हो चले हैं. ऐसे में सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. गृहस्थी का पूरा सामान खराब हो गया है.
कब तक मिलेगी मदद
इनका हाल जानने के लिए पहली बार इस गांव में ईटीवी भारत ग्राउंड जीरो पर पहुंचा. ग्रामीणों का दर्द कैमरे में कैद कर हम जन सरोकार कर रहे हैं. देखना होगा कि कब तक प्रशासनिक अधिकारी इनतक वो तमाम सुविधाएं पहुंचाएंगे, जो कोरोना और बाढ़ की विभिषिका में इनके दर्द को मरहम लगा सके.