बेतिया(वाल्मीकिनगर):वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों से निकलने वाली पहाड़ी नदियां बरसात की शुरुआत से ही विकराल रूप धारण कर लेती है. इससे इन नदियों के पास बसे गांव के लोग बरसात में चैन की नींद नहीं ले पाते हैं. कहीं घर में पानी घुसने की संभावना रहती है, तो कहीं सड़क मार्ग अवरुद्ध होने की बात उन्हें परेशान करती है.
गांव में बाढ़ का खतरा
गनौली स्थित भापसा नदी भी प्रत्येक साल की तरह इस साल अपनी रौद्र रूप को धारण करने लगी है. इस कारण दर्जनों गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. नदी पर पुल ना होने के कारण दर्जनों गांव के लोग जान जोखिम में डाल कर नदी को पार करते हैं या तो घंटो पानी घटने का इंतजार करते हैं. इसके साथ ही गांव का कनेक्शन कई दिनों तक जिला मुख्यालय, प्रखंड अथवा शहरों से कट जाता है.