बेतिया:नेपाल में हो रही भारी बारिश के चलते नेपाल से बिहार में प्रवेश करने वाली नदियां उफनाई हुईं हैं. इससे पश्चिम चंपारण जिले का बड़ा इलाका बाढ़ की चपेट में (Flood in West Champaran) है. स्थिति यह है कि यहां का गोपलपुर पुलिस थाना में बाढ़ का पानी भर गया है. पुलिसकर्मियों को जान बचाने के लिए छत पर शरण लेनी पड़ी.
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गंडक बराज (Gandak Barrage) से छोड़ा गया पानी अब नदियों के रास्ते गांव में प्रवेश कर चुका है. जिले के कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. कई गांव में आने-जाने का रास्ता नहीं है. चनपटिया से होकर गुजरने वाली सिकरहना नदी भी उफान पर है. सिकरहना नदी का पानी गोपालपुर थाना परिसर में फैल गया है. कमर भर पानी थाना परिसर में चल रहा है. ऐसे में पुलिस कर्मियों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में पुलिसकर्मी हथियारों के साथ सुरक्षित स्थान तलाश रहे है. शुक्रवार रात को पुलिसकर्मियों को छत पर शरण लेनी पड़ी. परेशानी के बाद भी पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात हैं.
गोपालपुर थाना में घुसा बाढ़ का पानी. नौतन की 3 पंचायतों के 13 गांव में घुसा पानी
नारायणी नदी का पानी अब निचले मैदानी और दियारा के इलाके में पहुंच गया है. इसके चलते चंपारण तटबंध के उस पार रहने वाले नौतन प्रखंड के शिवराजपुर, भगवानपुर और मंगलपुर काला के 13 गांवों के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है. करीब 6400 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ पीड़ितों ने मंगलपुर-यादोपुर और चंपारण तटबंध पर शरण ली है.
भगवानपुर पंचायत के घरों में घुसा पानी
शुक्रवार शाम को गंडक बराज से 2.89 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसके चलते नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत में 4-5 फीट तक पानी घुस गया. पानी घुसने से गांव में हड़कंप मच गया. गांव के 50 घर के करीब 300 लोग नाव पर सवार होकर चंपारण तटबंध पर पहुंचे.
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बेतिया में बाढ़ से हाल बेहाल
बता दें कि बेतिया जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण कई गांव में पानी घुस चुका है. गंडक बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण चनपटिया, लौरिया, योगापट्टी, मझौलिया प्रखंड के कई गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं. कई प्रखंड के गांव में लोगों के घर में घुटने तक पानी घुसा हुआ है.