बेतिया:भाई-बहन के अटूट अटूट प्रेम का प्रतीक त्योहार समा चकेवा आज समाप्त हो गया. इस पर्व के शुरुआत से लेकर अंत तक काफी उत्साह देखा गया. अंतिम दिन चकवा-चकाई को टोकरी में सजा-धजाकर नदी और तालाबों में विसर्जन किया गया.
गोवर्धन पूजा के बाद शुरू होता है त्योहार
समा चकेवा पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है. यह त्योहार गोवर्धन पूजा के समाप्ति के बाद अगले 7 दिनों के बाद कार्तिक पूर्णमासी की सुबह चकवा-चकवी आकृति को नदी में विसर्जित करने के बाद समाप्त होता है. त्योहार में लड़कियों ने चकवा-चकई की आकृति बनाकर पारंपरिक गीत के साथ पूजा अर्चना की.