बेतिया:अन्नदाता किसानों के लिए लॉकडाउनभारी पड़ रहा है. इस समय गेहूंकी कटाई का समय है, लेकिन, मजदूरों की किल्लत के कारण फसल की कटाई शुरू नहीं हो पा रही है. किसानों का कहना है कि अधिकतर मजदूर कोरोना के भय से घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिस वजह से मजदूरी के रेट में काफी इजाफा हो गया है. आलम ये है कि ज्यादा रेट देने पर भी मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे खेतों में पका फसल खराब होने लगा है.
'नहीं मिल रहे मजदूर'
तमाम जगहों पर गेंहू की फसल पक कर तैयार है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण किसानों के लिए एक अलग समस्या उत्पन्न हो गई है. किसानों का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के भय से मजदूर घरों से बाहर नही निकलना चाहते. जिस वजह से फसल पकने के बावजूद कटाई नहीं हो पा रही है. किसानों का कहना है कि कुछ जगहों पर गेंहू की कटाई शुरू हो गई है, लेकिन मजदूर वायरस के संक्रमण के कारण कटाई के लिए नहीं मिल पा रहे हैं. वहीं, अगर कुछ मजदूर मिल भी रहे हैं, तो वो काफी अधिक मजदूरी मांग कर रहे हैं. किसान शिवनाथ चौहान के अनुसार पिछले सत्र की तुलना में इस बार मजदूरी रेट 50 रुपये अधिक मांगे जा रहे हैं.