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चीनी मिल की ओर से पेमेंट नहीं दिए जाने पर गन्ना को क्रशर पर गिराने को मजबूर किसान - पश्चिम चंपारण में चीनी उत्पादन

अनुमंडल क्षेत्र में संचालित सैकड़ों क्रशर पर बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिला हुआ है. तकरीबन प्रत्येक प्लांट पर 20 से 30 मजदूर काम करते हैं. मजदूरों का कहना है कि ठंड में अभी सबसे बेहतर रोजगार यही है.

sugar production in west champaran
गन्ना को क्रशर पर गिराने पर मजबूर किसान

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Published : Jan 1, 2020, 12:14 PM IST

पश्चिम चंपारणः जिले के बगहा में किसानों को गन्ना उत्पादन करने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. किसान चीनी मिलों के मनमाने रवैये से परेशान हैं. वे चीनी मिलों की ओर से नियमित समय पर भुगतान नहीं मिलने पर गन्ने को क्रश कर गिरा रहे हैं.

चीनी मिल नहीं देते हैं पेमेंट
किसानों का कहना है कि चीनी मिल सही समय पर उन्हें पेमेंट नहीं देते हैं, जिसके कारण उन्हें मजबूरी में गन्ना को क्रश पर गिराना पड़ता है. दूसरी ओर क्रशर संचालक का कहना है कि किसानों के लिए सैकड़ों क्रशर संचालित किए गए हैं, जिससे किसानों को कैश के जरिए पेमेंट किया जाता है. साथ ही गन्ने से गुड़ का उत्पादन कर उसकी अनेक राज्यों में सप्लाई की जाती है. इतना ही नहीं क्रशर प्रतिष्ठानों में दूर दराज के क्षेत्रों से आए सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है.

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सैकड़ों लोगों को मिला है रोजगार
अनुमंडल क्षेत्र में संचालित सैकड़ों क्रशर पर बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिला हुआ है. तकरीबन प्रत्येक प्लांट पर 20 से 30 मजदूर काम करते हैं. मजदूरों का कहना है कि ठंड में अभी सबसे बेहतर रोजगार यही है.

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