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बगहा: लॉकडाउन में मालवाहक वाहनों को मिली छूट, तरबूज किसानों के चेहरे पर लौटी खुशी

किसानों ने बताया कि यहां की तरबूज बिहार, यूपी समेत कलकत्ता, बैंगलोर, दिल्ली जैसे राज्यों में सप्लाई की जाती है. लॉकडाउन नियम संशोधन के बाद हमलोगों काफी राहत मिली है.

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Published : May 3, 2020, 12:20 PM IST

Updated : May 3, 2020, 9:12 PM IST

लॉकडाउन में मालवाहक वाहनों को मिली छूट
लॉकडाउन में मालवाहक वाहनों को मिली छूट

बगहा: कोरोना संकट की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. इस वजह से लागू लॉकडाउन ने हर आमोखास को प्रभावित भी किया है. इसका सबसे ज्यादा असर किसानों पर हुआ है. लेकिन इस संकट के बावजूद बगहा में तरबूज किसानों पर लॉक डाउन का ज्यादा असर नहीं पड़ा है. यहां के किसान सामान्य साल की तरह प्रतिदिन 10 ट्रक तरबूज की सप्लाई कर रहे हैं.

'सता रहा था बर्बादी का डर'
बता दें कि बगहा के दियारा में गण्डक नदी के किनारे बड़े पैमाने पर हजारों एकड़ में मौसमी फल तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा और बट्टी का खेती से किसानों के चेहरे पर लाली छाई हुई है. दरअसल किसानों को पहले चिंता सता रही थी कि इस वैश्विक कोरोना महामारी से लागू लॉक डाउन में उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. उनके फसल की बाहर सप्लाई नहीं हो पाएगी. लेकिन मालवाहक वाहनों को लॉक डाउन में मिली छूट ने किसानों के चेहरे पर फिर से चमक वापस ला दी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

किसानों को हो रहा फायदा
इसको लेकर किसान जनार्दन महतो ने बताया कि गण्डक नदी बरसात में अपने विनाशलीला के लिए जानी जाती है. उसी गण्डक के तट पर हमलोग दियारा इलाके में हजारो एकड़ में हर साल मौसमी फल उपजाते हैं. बगहा का तरबूज बिहार, यूपी समेत कोलकाता, बैंगलोर, दिल्ली जैसे राज्यों में सप्लाई की जाती है. लागू लॉकडाउन के कारण हमलोग पहले अपने स्पलाई को लेकर परेशान थे, लेकिन सरकार के लॉकडाउन नियम संशोधन के बाद हमलोगों को इस संकट काल में भी फायदा हो रहा है.

गंडक दियारा में की गई तरबूज की खेती

लॉक डाउन छूट से मिला वरदान
वहीं, एक अन्य किसान विपिन चौधरी ने बताया कि उन्होंने दियारा क्षेत्र में लाखों रुपये का खर्च कर मौसमी फल तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा और बट्टी उपजाया है. देश मे पूर्ण लॉक डाउन की घोषणा के बाद से वे काफी परेशान थे. सभी किसानों को बर्बादी की चिंता सता रही थी. लेकिन लॉक डाउन गाइडलाइन में मालवाहक वाहनों को छूट मिलना हमलोगों के लिए वरदान के रूप में साबित हो रही है. यहां का तरबूज काफी प्रसिद्ध है. देश के कई राज्यों में यहां के तारबूज और खरबूजा की मांग है. हालांकि, किसानों ने बताया कि पिछले साल तारबूज 14 सौ रुपये क्विन्टल बिके थे. लेकिन इस साल 700 से 800 रुपये की दर पर बिक रहा है. बावजूद अच्छी उपज होने के कारण हमलोग काफी खुश हैं.

Last Updated : May 3, 2020, 9:12 PM IST

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