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अयांश की मदद के लिए बगहा के युवाओं ने जुटाए 52000 रु, 16 करोड़ के इंजेक्शन से ही बचेगी जान

बगहा के युवाओं ने अयांश को बचाने के लिए 52 हजार का चंदा जुटाया है. अयांश को एक ऐसी बीमारी हुई है जो रेयर है. ऊपर से इसका इलाज भी काफी महंगा है. अयांश को बचाने के लिए 16 करोड़ का इंजेक्शन लगेगा. लेकिन इतने रूपए परिवार के पास नहीं है. उन्होंने लोगों से अयांश को बचाने के लिए मदद मांगी है. पढ़ें पूरी खबर-

16 करोड़ का इंजेक्शन
अयांश को बचाना है

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Published : Aug 12, 2021, 4:17 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 4:28 PM IST

बगहा: दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे अयांश (Ayansh) को बचाने की लिएईटीवी भारतने मुहिम (ETV Bharat campaign) चला रखी है. इस कैंपेन के साथ अब लोग भी जुड़ने लगे हैं. बगहा में 10 महीने के मासूम अयांश को बचाने के लिए आगे आए हैं. लोगों ने क्राउड फंडिंग के जरिए 52 हजार रुपए चंदा इकट्ठा किया है.

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चंदा कलेक्ट करने वाले लोगों ने बताया कि ईटीवी भारत में प्रकाशित खबर को पढ़कर उन्होंने अयांश को बचाने के लिए 52 हजार रुपए इकट्ठे किए हैं. साथ ही वो लोगों से बैनर के जरिए अपील की है कि अयांश की जिंदगी बचाने में अपनी भागीदारी निभाएं

देखें रिपोर्ट.

दरअसल पटना के रहने वाले 10 महीने के अयांश को स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी नाम की दुर्लभ बीमारी है. उसकी जान एक इंजेक्शन से बचाई जा सकती है. लेकिन उस इंजेक्शन की कीमत ही 16 करोड़ रुपए है. अयांश के माता-पिता भी क्राउड फंडिंग के जरिए लोगोंं से अपील कर रहे हैं.

आपको बता दें कि ईटीवी भारत की इस मुहिम में भोजपुरी अभिनेता खेसारी (Khesari Yadav) भी जुड़ गए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए लोगों से मदद देने की अपील की है. वहीं VIP प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) भी अयांश को अपने एक महीने का वेतन देने की घोषणा की थी. तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) भी अयांश के घर पहुंचे थे और बचाने की मुहिम के साथ उन्होंने अपने फॉलोअर्स से मदद करने की अपील की थी.

गौरतलब है कि सीएम नीतीश (Chief Minister Nitish) से जब पूछा गया था कि अयांश को बचाने के लिए सरकार क्या मदद कर सकती है. तो उन्होंने साफ कहा था कि अयांश की मदद के लिए सरकार के हाथ बंधे हुए हैं. फिर भी उन्होंने लोगों से अयांश की मदद करने की अपील की थी.

'हमने भी बच्चे के बारे में सुना है. सब लोग बच्चे की मदद कर रहे हैं लेकिन सरकार की इसपर कोई स्कीम नहीं है. हमलोग भी लगातार कह रहे हैं कि बच्चे की मदद करें. हमारा मदद देने का जो स्कीम है वो सबको मालूम है. बहुत बड़ी राशि की जरुरत है इसलिए सभी थोड़ा थोड़ा मदद करेंगे तो बच्चे के लिए कुछ हो सकता है.'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

दुर्लभ बीमारियां यानी ऐसी स्वास्थ्य स्थिति या रोग जो बहुत कम ही लोगों में पाया जाता है. अलग-अलग देश में दुर्लभ बीमारियों के मतलब अलग-अलग होते हैं. 80 फीसदी तक दुर्लभ बीमारियां आनुवांशिक होती हैं. दुर्लभ बीमारियों पर राष्ट्रीय नीति-2021 के अनुसार आनुवंशिक रोग ( Genetic Diseases), दुर्लभ कैंसर (Rare Cancer), उष्णकटिबंधीय संक्रामक रोग (Infectious Tropical Diseases) और अपक्षयी रोग (Degenerative Diseases) शामिल हैं.

देश में 450 दुर्लभ बीमारियों की लिस्टिंग की गई है, जिनमें से सिकल-सेल एनीमिया, ऑटो-इम्यून रोग, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, गौचर रोग (Gaucher’s Disease) और सिस्टेम फाइब्रोसिस सबसे आम बीमारियां हैं. वैश्विक स्तर पर दुनिया में 7000 से ज्यादा ऐसी बीमारियां हैं, जिन्हें दुर्लभ श्रेणी में रखा गया है. इनमें हटिन्गटन्स डिजीज, सिस्टिक फाइब्रोसिस और मस्क्युलर एट्रॉफी(Muscular Atrophy) वगैरह कुछ प्रमुख नाम हैं.

Last Updated : Aug 12, 2021, 4:28 PM IST

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