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गंडक के किनारे कटाव ने छीनी ग्रामीणों की सुख-चैन, लेकिन 'कुंभकर्णी' नींद में सो रहे हैं SDO साहब

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Published : Jun 24, 2021, 9:40 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 12:27 PM IST

बगहा में गंडक नदी (Gandak River) से कई जगहों पर कटाव हो रहा है. जिसे रोकने के लिए कटावरोधी कार्य (Anti Erosion Work) भी किए जा रहे हैं. लेकिन, ड्यूटी पर तैनात एसडीओ (SDO) इससे बेखबर होकर चैन की नींद सो रहे हैं. देखें रिपोर्ट.

बगहा
बगहा

पश्चिम चंपारण: बिहार के बगहा (Bagaha) में गंडक नदी(Gandak River) का जलस्तर कम होते ही कई जगहों पर कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. सबसे ज्यादा कटाव अग्रवाल वाटिक के पास है. जहां कटाव की सूचना पर अधिकारियों की टीम लगातार कैम्प कर कटावरोधी कार्य करा रहे हैं. इस बीच एसडीओ की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिससे प्रशासन की गंभीरता पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है.

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अधिकारी फरमा रहे आराम
जहां कटाव के भय से ग्रामीणों की नींद उड़ गयी है. वहीं, यहां ड्यूटी पर तैनात जल संसाधन विभाग के एसडीओ इन बातों से बेखबर चैन की नींद सो रहे हैं. उक्त अधिकारी का नाम अभिषेक कुमार बताया जा रहा है. ऐसा लगता है कि साहब को नदी के कटाव की जरा भी चिंता नहीं है.

देखें वीडियो

गहरी नींद में सो रहे एसडीओ
कटाव से बेखबर ड्यूटी पर तैनात एसडीओ अभिषेक कुमार गहरी नींद में सोए हुए हैं. उन्हें कटावरोधी कार्य की कोई चिंता नहीं है. काम मानक के अनुरूप हो रहा है या नहीं इसकी भी उन्हें कोई चिंता नहीं है, लिहाजा ग्रामीणों में रोष व्याप्त है.

गहरी नींद में एसडीओ अभिषेक कुमार

जलस्तर कम होते ही कटाव शुरू
बगहा में गंडक नदी का जलस्तर कम होते ही कई जगहों पर कटाव शुरू हो गया है. गंडक नदी सबसे ज्यादा एनएच-727 के किनारे अग्रवाल वाटिक के पास कटाव कर रही है. हालांकि, कटाव की सूचना पर अधिकारियों की टीम यहां लगातार कैम्प कर कटावरोधी कार्य करा रहे हैं.

गंडक नदी में कटाव

ग्रामीणों के गंभीर आरोप
गंडक नदी किनारे अग्रवाल वाटिका के पास हो रहे प्रोटेक्शन वर्क को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि यहां मानक के अनुरूप काम नहीं हो रहा है. कटावरोधी कार्य में पुरानी बोरियों का उपयोग किया जा रहा है. बालू की जगह पर मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है, साथ ही बोरी में भराई भी कम हो रही है. इसको लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है और ग्रामीण कटाव की आशंका से डरे सहमे हैं.

कटावरोधी कार्य के लिए बोरिया

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बता दें कि बिहार में गंडक नदी को छोड़ कर सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है. घाघरा नदी का जलस्तर दरौली में खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर नीचे है. इसके अलावा वैशाली में गंडक नदी के रेवा घाट (Reva Ghat) में जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर नीचे है. जिसमें 29 सेंटीमीटर की और कमी होने की संभावना है.

पुरानी बोरियां

जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना
बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर लालबेगिया घाट में खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर नीचे है. बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर रोसड़ा में 52 सेंटीमीटर नीचे है. इसके जलस्तर में 29 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. कोसी नदी का जलस्तर बलतारा में खतरे के निशान से 97 सेंटीमीटर नीचे है. इस नदी के जलस्तर में 05 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. वहीं कमला बलान नदी का जलस्तर जयनगर में खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर नीचे है.

Last Updated : Jun 25, 2021, 12:27 PM IST

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