बेतिया: जिले के नरकटियागंज में बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है. बाढ़ का पानी अब गांव-घरों को अपनी आगोश में ले चुका है. इसके साथ ही लोग अपने घरों को छोड़कर अन्य स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं.
बेतिया में बाढ़ का कहर जारी, प्रशासनिक लापरवाही से रेलवे किनारे रहने को मजबूर हुए लोग - बेतिया में बाढ़ की स्थिति
जिले में बाढ़ के पानी से लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. जिले में प्रशासनिक लापरवाही के कारण लोगों का हाल यह हो गया है कि लोग रेलवे किनारे रहने को मजबूर हो गए हैं. इसके साथ ही लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए तरसना पड़ रहा है.
घरों में घुसा पानी
जिले के राजपुर पंचायत के रामजानकी टोला, नवका टोला और सोफवा गांव पानी से घिर चुका है. घरों में पानी प्रवेश कर जाने से दर्जनों परिवार विस्थापित होकर रेलवे लाइन के किनारे शरण ले चुके हैं. विस्थापित परिवार कपड़ा और प्लास्टिक टांगकर किसी तरह गुजर बसेरा कर रहे हैं. इसके साथ ही दर्जनों मवेशी लाइन के किनारे रह रहे हैं. वहीं कई परिवार पेट का भूख मिटाने के लिए लाइन के किनारे खाना बनाकर खाने को मजबूर हैं.
प्रशासन से लगाई गुहार
पीड़ित लोग प्रतिदिन प्रशासन के इंतजार में बैठे रहते हैं, लेकिन प्रशाशन कोई सुविधा मुहैया नहीं करा रहा है. इससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है. लोगों का कहना है कि पानी घर में प्रवेश करने से दाल, चावल, आटा समेत अन्य खाने की सामग्रियां बर्बाद हो चुकी हैं. भोजन के लिए तरसना पड़ रहा है. ऐसे में ये परिवार अपना गुजर बसर करने के लिए रेलवे लाइनों के किनारे राउटी गिराकर धूप में रह रहे है और रात्रि में खुले में सोने को मजबूर हैं. बाढ़ से परेशान लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है और मुआवजे की मांग की है.