बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पश्चिम चंपारण: कोरोना संक्रमण के दौर में भी शुद्ध पेय जल नहीं है मयस्सर, लोग परेशान - ई टाइप कॉलोनी

जिले के ई टाइप कॉलोनी में तकरीबन 300 परिवार रहते हैं. जहां जल संसाधन विभाग की ओर से गंडक नदी से जलापूर्ति की जाती है. लेकिन ग्रामीणों की शिकायत है कि सप्लाई का पानी इस लायक भी नहीं होता है कि वे नहा सकें या कपड़ा धुल सकें.

पश्चिम चंपारण
पश्चिम चंपारण

By

Published : Jun 14, 2020, 1:48 PM IST

पश्चिम चंपारण : चिलचिलाती गर्मी में सूखते गले को तर करने के लिए एक बूंद पानी भी मिल जाए, तो वह अमृत समान होता है. लेकिन जब यही पानी अशुद्ध हो और समय से न मिले तो परेशानी बढ़ जाती है. कुछ ऐसा ही हालात इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर के गंडक कॉलोनियों की हो गई है, जहां के लोग पानी के एक-एक बून्द के लिए तरस जाते हैं. इन लोगों को सुबह-सुबह उठकर एक किमी से दो किमी का सफर तय कर शुद्ध पानी के लिए लाइन लगाना पड़ता है.

नहीं मिलता है शुद्ध जल
वाल्मीकिनगर के ई टाइप कॉलोनी में तकरीबन 300 परिवार रहते हैं. जल संसाधन विभाग की ओर से निर्मित इन क्वाटर्स में विभाग की तरफ से ही गंडक नदी से जलापूर्ति की जाती है. लेकिन ग्रामीणों की शिकायत है कि सप्लाई का पानी इस लायक भी नहीं होता है कि वे नहा सकें या कपड़ा धूल सकें. विभाग बिना फिल्टर किए और ब्लीचिंग डाले अशुद्ध पानी की सप्लाई करता है, जो पीने लायक नहीं होता है. यहां तक कि इस भीषण गर्मी में सिर्फ एक टाइम ही पानी सप्लाई किया जा रहा है. जिससे समस्या और ज्यादा बढ़ गई है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले सुबह-शाम दोनों समय जलापूर्ति की जाती थी.

देखें पूरी रिपोर्ट

एक चापाकल पर निर्भर है सैकड़ों परिवार
इस भीषण गर्मी और मॉनसून के समय में लोगों को पीने के पानी की जरूरत ज्यादा है. ऐसे में लोग अहले सुबह गैलन और बाल्टी लेकर शुद्ध पानी के लिए कई किलोमीटर का सफर पैदल और साइकिल एवं बाइक से तय कर वाल्मीकिनगर के हॉस्पिटल रोड स्थित एक मात्र चापाकल पर पानी भरने आते हैं. पेय जल की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों का कहना है कि सैकड़ों परिवार इस चापाकल से ही सुबह, दोपहर और शाम पीने का पानी लेने आते हैं. जिससे यहां लंबी कतार लगती है. लोगों का यह भी कहना है कि यहां कई सन्तरी और मंत्री आये लेकिन वर्षों से समस्या जस की तस बनी हुई है, जबकि वाल्मीकिनगर विधायक भी यहां के स्थानीय हैं. उन्होंने भी इस पर कभी ध्यान नहीं दिया है.

चापाकल पर पानी भरते ग्रामीण

ऐसे कैसे लड़ेंगे कोरोना से
वर्तमान समय में देश कोरोना संक्रमण से जंग लड़ रहा है. इस विकट परिस्थितियों में चिकित्सकों की सलाह है कि जिनका इम्युनिटी पावर बेहतर होगा. उनके इस संक्रमण की जद में आने की सम्भावना कम है. ऐसे में अशुद्ध पानी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने की बात ही बेमानी है, जबकि ई टाइप कॉलोनी के निवासी वर्षों से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं और एक चापाकल पर निर्भर हैं. जब चापाकल खराब हो जाता है, तो अशुद्ध पानी ही पीना इनकी मजबूरी हो जाती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details