बेतिया:डीएम कुंदन कुमार ने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में कृषि, उद्योग, मत्स्य, उद्यान विभागों के कार्य प्रगति की समीक्षा की गई और अधिकारियों को उससे संबंधित दिशा-निर्देश दिया. बेतिया डीएम ने कहा कि पश्चिम चम्पारण कृषि प्रधान जिला है.
कर्मियों के दल का गठन
डीएम ने कहा कि जिलान्तर्गत सर्वाधिक लोगों की निर्भरता कृषि पर है. कृषि और कृषि से सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास और लोगों को खुशहाल बनाने की दिशा में सभी संबंधित अधिकारी समन्वय स्थापित कर तत्परतापूर्वक आवश्यक करें. इस कार्य में लाॅकडाउन के दौरान जिले में वापस लौटे व्यक्तियों को प्राथमिकता दिया जाये. साथ ही इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी अविलंब 20-25 ऊर्जावान कर्मियों के दल का गठन करेंगे.
देश-विदेशों में काफी प्रसिद्ध
यह दल अविलंब सर्वे कर कृषि और कृषि से सम्बद्ध विभिन्न उत्पादों के संदर्भ में संभावनाओं की तलाश कर शीघ्र प्रतिवेदन उपलबध कराना सुनिश्चित करेगा. डीएम ने कहा कि जिले में आनन्दी भूजा, बासमती चावल, मर्चा चूड़ा आदि का उत्पादन प्रचूर मात्रा में होता है. ये उत्पाद देश-विदेशों में काफी प्रसिद्ध भी है.
मिलकर करना है प्रयास
इन उत्पादों के विकास के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा. डीएम ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिला में सर्वाधिक गन्ने की खेती होती है. गन्ने से सिर्फ यहां चीनी का उत्पादन किया जाता है. जरूरत है गन्ने से विभिन्न प्रकार के अन्य उत्पादों को विकसित करना. ताकि अन्य लोगों को रोजगार मिल सके और उनकी आर्थिक उन्नति हो सके.
हर्बल खेती में अपार संभावनाएं
इसके साथ ही हर्बल प्लान्टेशन के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं. बस जरूरत है दृढ़ इच्छाशक्ति की. हर्बल प्लान्टेशन के क्षेत्र में मेंथा, लेमन ग्रास, पामा रोजा, आर्टीमिशिया, भेटेबल आदि के व्यापक उत्पादन में भी कारगर कार्रवाई करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को डीएम ने दिया है.