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मौत को दावत दे रहा जर्जर पुल, जान जोखिम में डाल आवाजाही के करने को लोग विवश - dilapidated bridge in west champaran prone to accidents

ग्रामीणों ने इसके लिए चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दी थी. उस समय प्रशासन ने दिलासा दिया था कि जल्द ही इसकी मरम्मत करा दी जाएगी. लेकिन चुनाव बीतते ही सभी ने नजरें फेर ली है.

जर्जर पुल

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Published : Jun 12, 2019, 12:04 AM IST

पश्चिमी चंपारण: बगहा नगरपालिका स्थित सोझी घाट में हरहा नदी पर बना पुल वर्षों से जर्जर स्थिति में है. ये कभी भी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकता है. आये दिन इस पर वाहन फंसते और गिरते हैं. लोगों के सब्र का बांध अब जवाब दे रहा है. शासन प्रशासन की उदासीनता से गुस्साए लोग अब चरणबद्ध आंदोलन की तैयारियों में जुटे हैं.

2006 में बना था पुल
चिलचिलाती धूप में पुल पर बैठकर धरना दिए इन लोगों का गुस्सा सरकार और प्रशासन के खिलाफ है. ये ग्रामीण अब खुद को ठगा और छला हुआ महसूस कर रहे हैं. 2006 में नाबार्ड की योजना से लाखों रुपये खर्च कर बना यह पुल अब बिल्कुल जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है. आलम यह है कि इस पर से मोटरसाइकिल भी गुजरे तो ये हिलने लगता है. लोग अपनी जान की बाजी लगा इस पर से आवाजाही करने को विवश हैं.

जर्जर पुल पर ग्रामीणों का प्रदर्शन

प्रशासन को हादसे का इंतजार!
विगत 5 वर्षों से लोग इस पुल की मरम्मती को लेकर सांसद और विधायकों सहित प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं. इन बीते 5 वर्षों के बाद अब तो पुल इस हालात में पहुंच चुका है कि अब गिर जाए या तब इसका कोई पता नहीं है. बगहा शहर के बनकटवा स्थित सोझी घाट के इस पुल से दर्जनों गांव के लोगों का आना जाना होता है. गन्ना के सीजन में तो किसानों के लिए यह लाइफ लाइन ब्रिज है. ऐसा लग रहा है जैसे प्रशासन किसी हादसे का इंतजार कर रहा हो.

गुस्साए लोगों ने दी आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने इसके लिए चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दी थी. उस समय प्रशासन ने दिलासा दिया था कि जल्द ही इसकी मरम्मत करा दी जाएगी. लेकिन चुनाव बीतते ही सभी ने नजरें फेर ली है. अब इनकी सुनने वाला कोई भी नहीं. ऐसे में ग्रामीण अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. ईटीवी भारत से विशेष तौर पर ग्रामीणों ने गुहार लगाई और सरकार तक बात पहुंचाने की अपील की. लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने इनकी बात को गम्भीरता से नहीं लिया तो वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे.

कुछ भी बोलने से बच रहे हैं प्रशासन और जनप्रतिनिधि
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के अनदेखी की वजह से सोझी घाट स्थित हरहा नदी का यह पुल बद से बदतर हालत में पहुंच गया है. इस मुद्दे पर न तो प्रशासन कुछ बोल रहा है ना ही जनप्रतिनिधि कुछ बोलने को तैयार हैं.

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