बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Ram Navami 2023: मदनपुर-नरदेवी समेत वाल्मीकी आश्रम में श्रद्धालुओं की भीड़, नेपाल, यूपी से भी पहुंचे भक्त

चैत्र नवरात्रि महानवमी पर गुरुवार को नवदुर्गा मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ (Ram Navami in Bagaha) देखने को मिली. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में अवस्थित नर देवी माता स्थान और मदनपुर स्थान पर अहले सुबह से श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था. यहीं नहीं वाल्मीकि आश्रम में भी पूजा के मौके पर अष्ट्याम का आयोजन किया गया था.

बगहा में रामनवमी
बगहा में रामनवमी

By

Published : Mar 30, 2023, 5:31 PM IST

बगहा में रामनवमी के मौके पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़.

बगहा :रामनवमी (Ram Navami 2023) के मौके पर वाल्मीकी टाइगर रिजर्व के घने जंगलों के बीच अवस्थित मदनपुर माता स्थान और नर देवी में पूजा अर्चना के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. बिहार के विभिन्न इलाकों के अलावा यूपी और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. रामनवमी के मौके पर मां भगवती सिद्धिदात्री सिंहवाहिनी की विधि विधान से पूजा की. इस मौके पर हवन भी किया गया था. महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी थी.

इसे भी पढ़ेंः Ram Navami 2023: छपरा में निकली भव्य शोभायत्रा, श्रद्धालुओं ने उतारी आरती, फूल बरसा कर किया स्वागत

कन्या पूजन कियाः मंदिरों में रामनवमी को लेकर विशेष पूजा अर्चना की गई थी. श्रद्धालुओं द्वारा महानवमी पूजन के उपरांत कन्या पूजन किया गया. छोटी बच्चियों के पैर पूजे गए व उन्हें भोजन कराया गया. इसके बाद दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लिया गया. इस दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के रूप में खीर-पूड़ी, चना, हलवा आदि का वितरण किया गया. बता दें कि मदनपुर देवी स्थान बगहा के काफी नजदीक और यूपी सीमा पर स्थित है.

भक्तों की मुराद पूरी होतीः श्रद्धालु बताते हैं कि यहां मांगी गई मन्नतें कभी खाली नहीं जाती है. माता रानी सभी भक्तों की मुराद पूरी करती हैं. इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि मदनपुर स्थान के रहसू गुरु पुजारी बाघों से धान की दौरी कराते थे. इस चमत्कारी मंदिर के बारे में जानकर मदन राजा खुद वहां पहुंचे. पुजारी से मां देवी के दर्शन की जिद करने लगे. पुजारी ने मदन राजा को चेतावनी दी कि मां के दर्शन की जिद छोड़ दें, क्योंकि इससे अनहोनी की आशंका है. राजा ने बात नहीं मानी. देवी का एक हाथ रहसु गुरु का सिर फाड़ते हुए बाहर निकल आया.

क्या है मान्यताः इंडो नेपाल सीमा पर स्थित नर देवी की मान्यता है कि यहां नर की बलि दी गई थी. दरअसल इस जंगल में स्थित नर देवी मंदिर में माता का परम भक्त आल्हा और उदल के पिता जासर और झगरू रहा करते थे. उनकी दिन की शुरुआत माता के पूजन के साथ ही होती थी. कहा जाता है कि एक दिन झगरु और जासर में जमीन को लेकर विवाद हुआ. तभी जासर ने माता की पूजा करते समय ही झगरु का सिर काट कर बलि चढ़ा दी. उसके बाद यहां से जासर मध्य प्रदेश के मैहर चले गए. तब से ही माता के इस मंदिर का नामकरण नर देवी की रूप में किया जाने लगा.

अष्ट्याम का आयोजन: बता दें कि माता सीता के शरण स्थली और लवकुश की जन्म स्थली वाल्मीकि आश्रम में भी नेपाल, बिहार और यूपी से श्रद्धालु पहुंचे थे. यहां श्री विश्व सनातन धर्म स्थापना समिति द्वारा अष्ट्याम का आयोजन किया गया था. विश्व मर्दन शाह समेत श्री विश्व सनातन धर्म स्थापना मूल समिति काठमांडू के उपाध्यक्ष याम रायथानी, अध्यक्ष दीपक राय माझी, मंदिर निर्माण एवं संरक्षक सूखेत प्रभु श्री गंगा प्रसाद सूर्वेदी इत्यादि ने कार्यक्रम का आयोजन किया.

"यहां मांगी गई मन्नतें कभी खाली नहीं जाती है. माता रानी सभी भक्तों की मुराद पूरी करती हैं. जंगल के बीच बना मंदिर काफी आकर्षक है. दिल्ली से हम पूजा करने आए हैं"- आशुतोष द्विवेदी, श्रद्धालु

ABOUT THE AUTHOR

...view details