मधुबनी दहवा प्रखंड के बीडीओ राजेश भूषण बगहाः बिहार के पश्चिम चंपारण में धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है. बिहार-यूपी बॉर्डर स्थित गंडक पार मधुबनी दहवा प्रखंड क्षेत्र में धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है. हालांकि स्थानीय प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है. दहवा बीडीओ का कहना है कि अभी तक इस मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं की गई है और न ही मेरे ओर से सभा लगाने की अनुमति दी गई है. हालांकि बीडीओ ने बताया कि इससे पहले भी डीएम के संज्ञान में मामला आया था.
यह भी पढ़ेंःNawada News : नवादा में धर्म परिवर्तन का खुला खेल, केरल के शख्स को बजरंग दल और VHP कार्यकर्ताओं ने पकड़ा
'अंधविश्वास में बदला जा रहा धर्म': स्थानीय जनप्रतिनिधि और धार्मिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि इस इलाके में पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. सभा लगाकर झाड़फूंक के नाम पर लोगों को अंधविश्वास में लाकर धर्म बदलवाया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार रविवार और गुरुवार को सभा लगाकर कई लोगों का धर्म बदला गया है और बदले में मोटी रकम भी दी जा रही है, हालांकि स्थानीय प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
"स्थानीय प्रशासन के स्तर से कोई अनुमति नहीं दी गई है. इसके लिए SDM बगहा सीओ व थानाध्यक्ष के अनुमोदन मिलने पर अनुमति देते हैं. इसकी जानकारी नहीं है. डीएम साहब व स्थानीय मजिस्ट्रेट द्वारा इसके बारे में अवगत कराया गया है. कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. जनप्रतिनिधियों व धार्मिक कार्यकर्ताओं द्वारा ही सूचना दी गई है."- राजेश भूषण, बीडीओ, मधुबनी दहवा
'500 से 1000 रुपए वसूली जा रही फीस': ऐसे मामले सामने आने से स्थानीय समाजसेवियों में आक्रोश है. स्थानीय समाजसेवियों के अनुसार बीते गुरुवार को भी सभा लगाकर लोगों से 500 से 1000 रुपए की फीस वसूल की गई. करीब 200 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया है. इस दौरान धर्म परिवर्तन करने वाले को मोटी रकम के साथ साथ अन्य सुविधाएं भी दी जा रही है. इसमें ज्यादार आदिवासी लोग बताए जा रहे हैं, जिन्होंने लोभ में आकर धर्म बदल लिया है.
आंदोलन की चेतावनीः स्थानीय समाजसेवियों ने बताया कि धर्म परिवर्तन कराने के लिए वैसे इलाके को चिह्नित किया जा रहा है, जहां शिक्षा का अभाव हो और गरीब लोग रहते हों. इसको लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है. नेता व धार्मिक कार्यकर्ता इस पर रोक लगाने के साथ-साथ जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं स्थानीय नेताओं ने जिला प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी दी है.