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पश्चिमी चंपारण: NDA के गढ़ में CPI माले की जीत, साख नहीं बचा पाए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री

एनडीए के गढ़ चम्पारण में पहली बार सीपीआई माले ने अपनी नींव मजबूत करते हुए जीत दर्ज की. जीत को लेकर कार्यकर्ताओं और समर्थकों में काफी उत्साह है. समर्थकों का कहना है कि पूर्व विधायक ने एक दशक में कोई खास विकास का काम नहीं किया. जिसके कारण उनको हार का सामना करना पड़ा है.

सीपीआई माले समर्थकों ने मनाया जश्न
सीपीआई माले समर्थकों ने मनाया जश्न

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Published : Nov 11, 2020, 11:38 AM IST

Updated : Nov 13, 2020, 10:00 AM IST

पश्चिमी चंपारण:जिले में वैसे तो सभी 9 सीटों में से 8 पर एनडीए की जीत हुई है लेकिन सिकटा विधानसभा क्षेत्र में सीपीआई माले ने अप्रत्याशित जीत दर्ज कर सभी को चौंका दिया. जिले की इस विधानसभा सीट पर माले प्रत्याशी वीरेंद्र गुप्ता और निर्दलीय प्रत्याशी दिलीप वर्मा के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला. वहीं, क्षेत्र से जेडीयू के प्रत्याशी और सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद को हरा दिया. यहां से मंत्री अपनी साख नहीं बचा पाए और तीसरे नम्बर का मुंह देखना पड़ा.

पश्चिमी चंपारण में सीपीआई माले की जीत

दो-दो बार हुई काउंटिंग
दरअसल, इस विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी दिलीप वर्मा और माले उम्मीदवार वीरेंद्र गुप्ता के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. एक समय तो ऐसा भी आया जब दो राउंड की गिनती बाकी होने के पहले निर्दलीय प्रत्याशी दिलीप वर्मा 1500 मतों से आगे थे और उनके समर्थकों ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया. लेकिन उनकी यह खुशी कुछ पल बाद निराशा में बदल गई जब माले के वीरेंद्र गुप्ता दो राउंड के बाद 2455 वोट से आगे हो गए. जिसके बाद दो-दो बार काउंटिंग कराना पड़ा.

लाल झंडे के साथ मनाया जश्न
निर्दलीय और माले दोनों प्रत्याशियों के समर्थक बारी-बारी से उत्साहित होकर जश्न मना रहे थे. दो राउंड की गिनती के बाद माले प्रत्याशी की जीत दर्ज की और जिले में पहली बार माले ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. उत्साहित समर्थकों का कहना था कि पूर्व मंत्री के समय में सड़क और बाढ़ से त्रासदी की वजह से लोगों में गुस्सा था इसलिए वो तीसरे पायदान पर चले गए और करारी हार का सामना करना पड़ा.

Last Updated : Nov 13, 2020, 10:00 AM IST

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