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पश्चिम चंपारण: 27 सितंबर को भारत बंद के लिए CPI माले का मार्च, सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी - भारत बंद का आह्वान

सीपीआई माले ने तीनों कृषि कानून के खिलाफ मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकार को घेरने के लिए किसानों के साथ सीपीआई माले ने बैठक की. किसान कन्वेंशन में 27 सितंबर को ऐतिहासिक भारत बंद सफल बनाने की मांग की. पढ़ें पूरी खबर..

Left parties protest against inflation in West Champaran
Left parties protest against inflation in West Champaran

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Published : Sep 15, 2021, 9:18 PM IST

पश्चिम चंपारण (बेतिया):बिहार के नरकटियागंज (Narkatiaganj) में सीपीआई माले (CPI Male) ने 27 सितंबर को भारत बंद को लेकर मार्च निकाला. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तीनों कृषि कानून, चार लेबर कोड के साथ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) और खाद्य सामग्रियों की कीमतों को नियंत्रण में करने के साथ-साथ कृषि कानून को वापस लेने की मांग की.

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भारत बंद को सफल बनाने को लेकर निजी होटल में किसान महासभा और गन्ना उत्पादक किसान महासभा के बैनर तले बैठक की गई. इस बैठक में देश की संपत्ति को बेचने के खिलाफ सहित लालशरण रोंग से बर्वाद गन्ना का मुआवजा, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में टूटी सड़कों की पुनः निर्माण, बाढ़ से बर्बाद धान की बिजडा का मुआवजा जैसे तमाम मुद्दे को लेकर के चर्चा किया गया.

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माले नेताओं ने कहा कि किसानों के नाम पर लाये गए कानून को सरकार को बिना शर्त वापस ले लेना चाहिए. केंद्र सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. देश के अन्नदाताओं के साथ वर्तमान सरकार जो दु‌र्व्यवहार कर रही है. यह कहीं से उचित नहीं है.

माले नेता शिवसागर शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार किसनों के साथ इंसाफ नहीं कर रही है. देश की खेतीबारी को अब कंपनियों के हाथों निलान करने में लगी है. उन्होंने कहा कि किसानों के फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जमाखोरी, कालाबजारी कर अनाज और खाद्य वस्तुओं को महंगा करने वाले तीन किसान विरोधी काला कानून बनाया है. जिसके खिलाफ देश के किसान साढ़े नौ माह से दिल्ली बोर्डर पर लड़ रहे हैं.

बात दें कि जिले में भाकपा माले का किसान कन्वेंशन आयोजित की गई. कन्वेंशन में किसान आंदोलन पर समर्थन और 3 कृषि कानूनों की वापसी के मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान किसान कन्वेंशन ने देश के किसानों को गुलाम बनाने वाले तीनों काला कानून को रद्द करने की लड़ाई को चंपारण में भी तेज करने का आह्वान किया. साथ ही ऐतिहासिक 27 सितंबर को भारत बंद सफल बनाने की अपील की है.

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