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नाबालिग दुष्कर्म केस में नप गये SC/ST थानाध्यक्ष, पॉक्सो एक्ट के तहत FIR कर निलंबित करने का आदेश

बेतिया के चनपटिया नाबालिग दुष्कर्म केस में एससी-एसटी थानाध्यक्ष पर पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी. साथ ही उन्हें निलंबित कर विभागीय कार्रवाई का एडीजी ने आदेश दिया है.

बेतिया में थानाध्यक्ष पर कार्रवाई के आदेश
बेतिया में थानाध्यक्ष पर कार्रवाई के आदेश

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Published : Sep 5, 2021, 10:31 AM IST

पश्चिम चंपारण (बेतिया) : बिहार के बेतिया (Bettaih) के चनपटिया थाना क्षेत्र में 11 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में चनपटिया एससीएसटी थानाध्यक्ष (Chanpatiya SHO) सुजीत दास पर पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी. साथ ही उनको निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई भी चलाई जाएगी. इस आदेश के बाद जिले के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा गया है

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वहीं इस पूरे मामले को दबाने में चनपटिया थानाध्यक्ष मनीष कुमार व महिला थानाध्यक्ष पर भी पर भी गाज गिर सकती है. अगर इनके विरुद्ध जांच में मामला सत्य पाया गया तो इनके ऊपर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कमजोर वर्ग अपराध अनुसंधान विभाग के एडीजी अनिल किशोर यादव ने बेतिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा को कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

दरअसल, एक दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान नामक गैर सरकारी संगठन के प्रदेश महासचिव विद्यानंद राम की शिकायत पर कमजोर वर्ग अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक अनिल किशोर यादव ने बेतिया एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा को दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. 4 दिनों के अंदर घटना स्थल पर जाकर एसपी को पर्यवेक्षण पर विस्तृत रिपोर्ट एडीजी को सौंपने का आदेश दिया है.

एडीजी ने एसपी को आदेश में कहा है कि स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों ने दुष्कर्म के मामले को दबाने की कोशिश की है. इसके बाद एसपी के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर दर्ज किया गया है. यह एक गंभीर मामला है. ऐसे में चनपटिया थाना एससीएसटी थानाध्यक्ष सुजीत दास ने जानबूझकर मामले को दबाना चाहा है.

एडीजी ने आदेश में लिखा है कि सदर एसडीपीओ मुकुल परिमल पांडे की जांच रिपोर्ट में भी इन पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका में कई तथ्यों का खुलासा हुआ है. जिसमें बताया गया है कि पीड़ित पहले एससीएसटी थाना गए. जहां पीड़िता के पिता के साथ गए अनिल मांझी को थानाध्यक्ष ने अलग बुलाकर पैसा दिलाने व मामला को रफा-दफा करने की बात कही, साथ ही डांट फटकार लगाई. वहीं मामले में सुजीत दास का बयान यह है कि आवेदन नहीं मिला, इसलिए कार्रवाई नहीं की गई.

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बता दें कि चनपटिया के सोनरा टोला में नाबालिग से 1 अगस्त को दुष्कर्म हुआ था. दुष्कर्म के बाद पीड़िता की मां व परिजन एससीएसटी थाना चनपटिया, महिला थाना व चनपटिया थाना का चक्कर लगाते रहे. लेकिन सभी थानों के थानाध्यक्ष महिला, एससीएसटी वर्ग व थाना क्षेत्र की बात कह टरकाते रहे. इसके बाद बेतिया एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा की शख्ती पर 5 दिन बाद चनपटिया थाने में पीड़ित की मां के आवेदन पर थानेदार ने एफआईआर दर्ज की और आरोपी किशुनदेव बरई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.

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