बगहाः बिहार में बात अगर खाने की हो तो कई सारे पारंपरिक व्यंजन का जिक्र खुद ब खुद जुबां पर आ जाता है. खासकर बिहार में लिट्टी-चोखा और दही-चूड़ा की चर्चा तो आम है. लेकिन पश्चिम चंपारण में इससे इतर एक अलग प्रजाति के चावल अनंदी का भूजा और चोखा काफी प्रसिद्ध है और प्रत्येक दिन नाश्ते में लोग इसे ही खाना पसंद करते हैं. लॉकडाउन में इस भूजा की वजह से ही कई लोगों का भरण पोषण है.
बगहा में फेमस है अनंदी चावल का भूजा और चोखा
इस बात में कोई शक नहीं कि लिट्टी-चोखा राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बिहार का एक चर्चित डिश है. लेकिन प्रत्येक जिले का अपना पसंदीदा डिश भी होता है. इसी में शामिल है पश्चिम चम्पारण जिले का मशहूर अनंदीका भूजा, जिसकी प्रसिद्धी लिट्टी-चोखा से कम नहीं है. दरअसल अनंदी एक अलग किस्म के धान की पैदावार है. जिसके चावल का उपयोग सिर्फ भूजा के तौर पर ही होता है. ये काफी नरम, स्वादिष्ट और लजीज होता है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नहीं भूलते भूजा-चोखा खाना
अनंदी प्रजाति का चावल और भूजा मुख्यतः चंपारण के तराई क्षेत्रों में बसे थरुहट समुदाय के लोगों का प्रसिद्ध उत्पादन है. इस इलाके में शादी-ब्याह या किसी भी तरह के आयोजन में भूजा-गुड़ और भूजा-चोखा लोगों को विशेष तौर पर खाने के लिए दिया जाता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जब चंपारण की यात्रा पर आते हैं, तो अनंदी के भूजा और भंसार के गर्म बालू में पकाए हुए आलू के चोखे का स्वाद लेना नहीं भूलते. दोपहर के नाश्ते के तौर पर विशेष रूप से उनके खाने के लिए इंतजाम करवाया जाता है.