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खुशखबरी: VTR में बढ़ रही है बाघों की संख्या, 5 साल में 28 से 40 हुए टाइगर - वीटीआर में जंगल सफारी का आनंद लें

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Nagar Tiger Reserve) में पेड़ें की कटाई पर रोक के बाद बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बाघों की संख्या बढ़ने के कारण यह पर्यटन के स्थल के रूप में पर्यटकों खूब लुभा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

VTR 5
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Published : Nov 7, 2021, 2:16 PM IST

बगहा:पश्चिमी चंपारण जिले का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Nagar Tiger Reserve) में बाघों सहित अन्य जानवरों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. 5 साल पहले तक विटीआर में बाघों की संख्या महज 28 थी.बीते साल यह संख्या बढ़कर 40 हो गई थी. वीटीआर में बाघ सहित अन्य जानवरों की वास्तविक संख्या जानने के लिए गिनती जारी है. ट्रैप और ड्रोन कैमरे से होने वाली गिनती इस दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है.

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वीटीआर से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष तक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 40 के करीब थी, जो अब बढ़कर 50 से ज्यादा हो जाने की उम्मीद है.

टाइगर की दहाड़

बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जबसे लकड़ियां काटने और जानवरों की हत्या पर पाबंदी लगी है तबसे सभी तरह के जानवरों की संख्या में वृद्धि जारी है, जिसका ताजा उदाहरण ये तस्वीरें हैं.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की शान

बता दें कि कोरोना काल के बाद लगातार पर्यटक यहां जंगल सफारी समेत जल, जंगल और पहाड़ के मनोहर वादियों का आनंद उठाने पहुंच रहे हैं. दूसरी तरफ वन विभाग एक बार फिर जानवरों की संख्या वास्तविक संख्या की गिनती में जुटा है.

शिकार को दबोचकर ले जाता बाघ

वीटीआर के अधिकारियों ने बताया कि ट्रैप कैमरा और ड्रोन कैमरे से विशेष रूप से बाघों की गिनती की जा रही है. दिसम्बर तक बाघों की गिनती पूरी करने का लक्ष्य है.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की संख्या बढ़ने से एक ओर वन प्रशासन काफी खुश है, वहीं जो पर्यटक जंगल सफारी का आनंद लेने आते हैं उन्हें भी बाघों का दीदार आसानी से हो जा रहा है. नतीजतन पर्यटकों की संख्या भी दिन बढ़ रही है. पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार रहने से इलाके में लोगों को इससे रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो रही है.

वीटीआर में मस्ती करते भालू

बाघों की संख्या बढ़ने के बाद वन विभाग अब हाथी और गैंडों के संरक्षण की दिशा में भी काम कर रहा है. साथ ही घड़ियालों की संख्या बढ़ाने की योजना है. यही वजह है कि नर्मदा नदी के बाद गंडक नदी में सबसे ज्यादा घड़ियाल पाए गए हैं.

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