बिहार

bihar

ETV Bharat / state

लापरवाहीः बगहा पनियाहवा रेल सह सड़क पुल के नीचे बनी सुरंग बन रही तस्करों का आशियाना

अक्सर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले माओवादी संगठनों के निशाने पर रहने के बावजूद इस पुल की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है. अंधेरे में डूबे रहने वाले एनएच 28 बी पर बने इस सड़क पुल के नीचे बंद पड़ी सुरंग के खुल जाने से आतंकवादी संगठन यहां से किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.

west champaran
west champaran

By

Published : Jan 31, 2021, 3:47 PM IST

पश्चिम चंपारण (वाल्मीकिनगर):जिलेकेबगहा पनियहवा रेल सह सड़क पुल में तकनीकी कारणों से बना सुरंग असामाजिक तत्वों और तस्करों के लिए सेफ जोन बनाता जा रहा है. यह आने वाले समय में पुल की सुरक्षा के नजर से खतरे का संकेत दे रहा है. इसका ख्याल रखते हुए कुछ साल पहले प्रशासन ने सुरंग को बंद करा दिया था, लेकिन अराजक तत्वों ने ईंट से बंद किये हुए सुरंग को तोड़कर अपना रास्ता बना लिया.

बिहार यूपी को जोड़ने का मुख्य मार्ग
बिहार-यूपी को जोड़ने वाला ऐतिहासिक रेल पुल हमेशा माओवादियों के टारगेट में रहा है. इसके बावजूद विभागीय सुस्ती खत्म नहीं हो रही है. जिले के अंतिम छोर पर बिहार यूपी सीमा के पास कसया छपुआ मार्ग एनएच 28 बी पर साल 2002 में लंबे संघर्ष के बाद बगहा-पनियहवा रेल और सड़क पुल अस्तित्व में आया. 896 मीटर लंबे पुल की लागत 181.60 करोड़ रुपये आई.

ध्यान नहीं दे रहा प्रशासन
साल 2002 में पुल बनने के बाद यूपी और बिहार का बंद पड़ा रोटी बेटी का संबंध शुरू हो गया. अक्सर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले माओवादी संगठनों के निशाने पर रहने के बावजूद इस पुल की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है. अंधेरे में डूबे रहने वाले एनएच 28 बी पर बने इस सड़क पुल के नीचे बंद पड़ी सुरंग के खुल जाने से आतंकवादी संगठन यहां से किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. फिर भी रेल और जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

ये भी पढ़ेःBJP कार्यालय में नेताओं ने सुना PM की मन की बात, बोली रेणु देवी- सहेजी जाएंगी शहीदों की स्मृति

तस्कर सुरंग को बनाते हैं आशियाना
सूत्रों की मानें तो बिहार में शराब बंदी के बाद यूपी से बड़ी मात्रा में शराब की खेप इसी रास्ते पहुचाई जाती है. साथ ही बिहार से अफीम, गांजा, हीरोइन आदि की तस्करी इसी रास्ते होती है. ऐसे में जब पुलिस को इसकी भनक लगती है तब तस्कर इसी सुरंग को अपना आशियाना बनाते हैं. इसके बाद रात में सुरंग से बीच नदी में उतरकर नाव के सहारे बिहार और नेपाल की ओर निकल जाते हैं. इस तरह वे पुलिस की चंगुल से बचने में कामयाब हो जाते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details