पश्चिमी चंपारण:पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया में परंपरागत खेती (Traditional farming in Bettiah) किसानी से धीरे-धीरे किनारा करने वाले किसान अब आधुनिक खेती कर तरक्की की इबारत लिखने को बेताब हैं. इन्हीं किसानों में आनंद उर्फ गुड्डू सिंह भी शामिल हैं. दरअसल, नरकटियागंज प्रखंड के सोमगढ़ पंचायत के समहौता गांव निवासी के किसान आनंद शुरू से ही आधुनिक खेती किसानी के लिए जाने जाते हैं. इस बार कनाडा की रंगीन फूलगोभी (Colorful Cauliflower of Canada), बैंगनी गोभी और स्ट्रॉबेरी की खेती कर एक बार फिर से चर्चा का विषय बने हैं.
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आनंद सिंह (Anand Singh Cultivated colorful Cauliflower of Canada) ने बताया कि नारंगी गोभी (ब्रेसीका ओलेरेशिया) जो कनाडा की वैरायटी है. विटामिन ए और यूम्निटी सिस्टम को बढ़ाती है. यह दुनिया में अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जानी जाती है. इसमें विटामिन ए पाया जाता है और ये यूम्निटी सिस्टम को भी बढ़ाता है. इसमें विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. जबकि कनाडा की बैंगनी गोभी में एटीका सिडेंट प्रचुर मात्रा में होता है. साथ ही पाचन तंत्र को नियंत्रित करने के लिए कैल्शियम क्लोराइड और विटामिन पाया जाता है. यह ह्रदय, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी है.
''पहली बार में करीब एक एकड़ जमीन में इसका उत्पादन किया है. इसकी खेती अगले साल से वृहत पैमाने पर की जाएगी. एक एकड़ में दस हजार की लागत से 70-80 हजार रुपये का मुनाफा आया है. स्थानीय बाजार में नारंगी और बैंगनी गोभी का भाव 50 से ₹60 रुपये प्रति किलो है. अगर एक एकड़ में इसकी खेती की जाए तो कुल लागत 10 से 12 हजार रुपए आएगी, जबकि आमदनी 70 से 80 हजार रुपये होगी.''-आनंद सिंह, किसान