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बगहा में होगा अमृत भारत एक्सप्रेस का ठहराव, वाल्मीकि आश्रम का दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 1, 2024, 2:08 PM IST

Amrit Bharat Express: अमृत भारत एक्सप्रेस का परिचालन अयोध्या होकर बगहा के वाल्मिकीनगर स्थित लवकुश जन्म स्थली होते हुए माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी के रास्ते दरभंगा तक हो रहा है. बगहा में ठहराव होने से लोगों में काफी खुशी है, लोग अब एक साथ तीन जन्मस्थली का दर्शन कर पाएंगे. पढ़ें पूरी खबर.

अमृत भारत एक्सप्रेस का बगहा में ठहराव
अमृत भारत एक्सप्रेस का बगहा में ठहराव

बगहा:अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनके परिचालन से रामायण काल की दो पीढ़ियां जुड़ गई हैं. अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का चम्पारण के बगहा में भी ठहराव है, जिससे राम जन्मभूमि, लवकुश जन्मस्थली और माता-सीता की जन्म नगरी यानी कि एक साथ तीन जन्मस्थली एक ही रेल मार्ग से जुड़ने के कारण लोगों में काफी खुशी है. वहीं इससे तीर्थस्थलों के विकास के साथ पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी.

अमृत भारत एक्सप्रेस का बगहा में ठहराव

अमृत भारत एक्सप्रेस का बगहा में ठहराव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वंदे भारत की तर्ज पर अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर नेपाल और यूपी सीमा पर स्थित बगहा को रामायण सर्किट से जोड़ने की कवायद को एक बड़ा बल मिला है. रामजन्म भूमि से महर्षि वाल्मीकि की कर्मभूमि का सीधा कनेक्शन पहली बार हुआ है. शनिवार की देर रात रामजन्मभूमि अयोध्या धाम से चलकर अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन बगहा पहुचीं.

एक साथ तीन जन्मस्थली के होंगे दर्शन

वाल्मीकि आश्रम का दर्शन आसान: इस अमृत भारत ट्रेन का परिचालन राम जन्मभूमि अयोध्या होकर बगहा के वाल्मिकीनगर स्थित लवकुश जन्म स्थली होते हुए माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी के रास्ते दरभंगा तक हो रहा है. जिससे बिहार के कश्मीर और महर्षि वाल्मीकि की तपोभूमि वाल्मिकीनगर का भ्रमण आसान होगा. इंडो नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकि आश्रम का श्रद्धालु अब बड़ी आसानी से दर्शन कर सकेंगे.

तीर्थस्थलों को रेल मार्ग से जोड़ रही सरकार: लिहाजा लोगों को इस ऐतिहासिक और अविस्मरणीय पल का गवाह बनने पर काफी हर्ष है. उनका कहना है कि यह एक ऐतिहासिक पल है, सरकार सभी तीर्थस्थलों को रेल मार्ग से जोड़ रही है. बता दें कि बगहा से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बियावान जंगलों के बीच नेपाल के चितवन वन क्षेत्र में वाल्मीकि आश्रम अवस्थित है, जहां बिहार के वाल्मीकीनगर होकर ही जाया जा सकता है. यहां आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने भगवान राम के जन्म पूर्व रामायण की रचना की थी.

वाल्मीकि आश्रम का दर्शन आसान

लोगों को दर्शन का सौभाग्य: यहां माता सीता पाताल लोक में समाहित हुई थी. ऐसे में भगवान राम व माता सीता और इनके पुत्र लव कुश के जन्मस्थल का दर्शन एक साथ करने के लिए यह ट्रेन सबसे सुगम व सस्ता साधन बन गई है. दूसरी ओर श्रीराम बारात लेकर जनकपुर से अयोध्या वापसी के दौरान बगहा में ही धनहा के बांसी नदी तट पर प्रवास किये थे. ऐसे में बांसी धाम भी वाल्मीकीनगर, जनकपुर और अयोध्या धाम से जुड़ गया है.

रामायण सर्किट का सबसे महत्वपूर्ण रुट बगहा: वहीं इसको लेकर बीजेपी विधायक श्री राम सिंह ने बताया कि वन्दे भारत ट्रेन के बाद अमृत भारत ट्रेन श्रृंखला की यह पहली ट्रेन है, जिसकी सौगात नए वर्ष मे प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार वासियों को दी है. यह ट्रेन दरभंगा से आनंद विहार तक अयोध्या को जोड़ते हुए जाएगी.

"बगहा से सटे नेपाल सीमा पर स्थित महर्षि वाल्मीकि का आश्रम है. जहां माता सीता को निर्वसन के बाद शरण मिला था. यहीं लव-कुश का जन्म भी हुआ था. यह रामायण सर्किट का सबसे महत्वपूर्ण रूट बन गया है. इस सर्किट को जोड़ने के लिए अबतक कोई भी सीधी ट्रेन नहीं थी. अयोध्या में राम मंदिर बनने के साथ यह तीनों पावन धाम का दर्शन करना आसान हो गया है"- श्री राम सिंह, बीजेपी विधायक

पूर्व मध्य रेलवे अधिकारी का बयान: पूर्व मध्य रेलवे अधिकारी भीम सेन ने बताया कि "अमृत भारत ट्रेन का परिचालन धार्मिक स्थलों को जोड़ने की कवायद का हिस्सा है. बगहा में इसका ठहराव इसलिए किया गया है ताकि राम और सीता की जन्म स्थली से लवकुश के क्रीड़ा स्थल को भी जोड़ दिया जाए. ऐसे में माना जा रहा है कि इस ट्रेन के परिचालन से पर्यटन नगरी वाल्मीकीनगर में भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिलेगा."

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