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लॉकडाउन के बाद बदला-बदला सा नजर आएगा VTR, बढ़ाई जा रही हैं ये सुविधाएं

कोरोना संक्रमण की वजह से वीरान पड़ा वीटीआर पर्यटकों से गुलजार होने के लिए तरस रहा है. लॉकडाउन के बाद पर्यटन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. इसी बीच एक नया तोहफा पर्यटकों के लिए बनकर लगभग तैयार है.

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Published : May 24, 2020, 9:52 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 11:12 PM IST

950 किमी तक का बन रहा पाथवे
950 किमी तक का बन रहा पाथवे

बगहा: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में एक और तोहफा सैलानियों का इंतजार कर रहा है. माघ मेला या संगम स्नान करने आने वाले पर्यटकों के लिए यहां 950 मीटर का पाथवे निर्माण किया जा रहा है. जिससे कि श्रद्धालुओं को स्नान करने और धार्मिक स्थलों का दीदार करने में उनका सफर आसान हो जाए. साथ ही साथ वे यहां की खूबसूरती और प्राकृतिक छटा का भरपूर आनंद ले सकें.

950 मीटर तक का बन रहा पाथवे

लॉकडाउन के बाद बदला-बदला नजर आएगा वीटीआर
कोरोना संक्रमण की वजह से वीरान पड़ा वीटीआर पर्यटकों से गुलजार होने के लिए तरस रहा है. लॉकडाउन के बाद पर्यटन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. इसी बीच एक नया तोहफा पर्यटकों के लिए बनकर लगभग तैयार है. जिससे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व लॉकडाउन के बाद बदला-बदला सा नजर आएगा और यहां आने वाले सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा.

950 मीटर तक का बन रहा पाथवे
वाल्मीकि नगर अतिथिशाला से लेकर त्रिवेणी संगम के ठीक सामने कौलेश्वर मंदिर तक 950 मीटर का एंटीरोजन कार्य के साथ-साथ पाथवे निर्माण कार्य कराया जा रहा है. जिससे कि माघ मेला या अन्य अवसरों पर इंडो-नेपाल सीमा के त्रिवेणी संगम तट पर स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को नहाने में कोई कठिनाई न हो. साथ ही वे सुगमता से इस पाथवे के रास्ते धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर सकें.

साल के अंत तक पूरा हो जाएगा कार्य
यहां कार्य करा रहे कंस्ट्रक्शन कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर विनय कुमार सिंह ने बताया कि इस एंटीरोजन कार्य का मुख्य मकसद गण्डक नदी के किनारे को मजबूती प्रदान करना है, जिससे कि कटाव न हो सके. साथ ही इससे संगम तट की खूबसूरती भी बढ़ जाएगी और यहां स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 20 मीटर सीढ़ी बनायी जा रही है, जिससे उन्हें नहाने में परेशानी न हो सके.

'सीएम का है सपना, खूबसूरत हो वीटीआर अपना'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब भी वाल्मीकिनगर के प्रवास पर आते हैं, तो यहां के धार्मिक स्थलों का दीदार करना नहीं भूलते. खासकर भगवान शंकर का कौलेश्वर स्थान तो वे जाते ही हैं. साथ ही साथ जटाशंकर सहित नरदेवी स्थान का भी दर्शन करते हैं. अपने पिछले प्रवास के दौरान जब वे यहां दर्शन करने आये थे. तो नेपाल स्थित त्रिवेणी मंदिर की खूबसूरती देख खासे प्रभावित हुए थे और काफी तारीफ की थी. इसी मौके ओर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि नेपाल के त्रिवेणी स्थान से बेहतर खूबसूरत इस छोर को किया जाए.

Last Updated : Jun 18, 2020, 11:12 PM IST

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