बगहा: नेपाल में मुसलाधार बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 2 लाख 15 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया है. जिसके बाद बगहा दियारा के निचले इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने अभियंताओं को सतत निगरानी का आदेश दिया है. एहतियात के तौर पर गंडक बराज के कर्मी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं और चार शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है.
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बगहा गंडक नदी में छोड़ा गया 2 लाख 15 हजार क्यूसेक पानी: इस मॉनसून सत्र का सर्वाधिक पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थित गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं. इसके साथ ही जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को 24 घंटे सतत निगरानी के आदेश दिए गए हैं. बता दें की यदि नेपाल में ऐसे ही मूसलाधार बारिश होती रही तो गंडक नदी के जलस्तर में और वृद्धि देखने को मिलेगी. जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना प्रबल हो जाएगी.
गंडक बराज पर चार शिफ्ट में लगाई गई ड्यूटी: एहतियात के तौर पर गंडक बराज के कर्मी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं और चार शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है. वहीं अभियंताओं की टीम भी चौकस है. जलस्तर बढ़ने के बाद निचले इलाकों में गुजर बसर करने वाले बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लाेगाें के मन में डर बैठ गया है. खासकर जलस्तर बढ़ने से बगहा और गोपालगंज के निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना ज्यादा रहती है. बता दें कि गंडक बराज की कैपेसिटी 8 लाख क्यूसेक की है जबकि 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया तो कई इलाकों में बाढ़ आ जाती है.