वैशाली:जिला के करताहा थाना क्षेत्र के कंचनपुर धनुषी गांव में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या ( Youth Commit Suicide In Vaishali) कर ली है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल हाजीपुर भेज दिया है. मृतक की पहचान मनीष कुमार के रूप में हुई है.
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युवक ने की आत्महत्या:घटना के संदर्भ में मृतक के परिजनों का कहना है कि मनीष सेना की तैयारी को लेकर प्रतिदिन सुबह अपने गांव से सटे तिरहुत तटबंध पर दौड़ने जाया करता था. मंगलवार को भी वह घर से सुबह निकला और अपने दालान में जाकर फांसी के फंदे से लटक कर जान दे दी. परिजनों का कहना है जब से सरकार की अग्निपथ योजना आयी थी तब से मनीष डिप्रेशन ( Youth Commits Suicide Due To Depression) में था और आशंका है कि इसी डिप्रेशन में उसने आत्महत्या कर ली.
अग्निपथ योजना से तनाव में था मनीष: हालांकि पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है. पुलिस घटना के पीछे के कारणों के बारे में जांच के बाद ही कुछ भी बताने की बात कर रही है. इस विषय में वीरू राय मुखिया ने बताया कि मनीष का रोज का रूटीन था कि वह 4:00 बजे सुबह में उठकर बांध पर दौड़ता था. वह आर्मी की तैयारी कर रहा था. मनीष ने दो तीन बार सेना बहाली में प्रयास भी किया था. अग्निपथ आने के कारण वह काफी डिप्रेशन में था. मुखिया ने कहा कि सुबह 4:30 बजे वह बांध जा रहा था तो लगा कि प्रैक्टिस के लिए जा रहा है.
"उसका रोज का रूटीन था कि वह 4:00 बजे सुबह में उठकर बांध पर दौड़ता था. वह आर्मी की तैयारी करता था. एक दो बार बहाली के लिए कोशिश भी किया था जिसमें उसका सब कुछ क्लियर था. अग्निपथ आने के कारण वह काफी डिप्रेशन में था. 4:30 बजे सुबह में जा रहा था तो हम लोगों को लगा दिया दौड़ने जा रहा है. लेकिन बगल में इसका बथान है जहां आत्महत्या कर लिया."- वीरू राय, मुखिया
क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.
'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज हैं छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी.