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'नेता खोज लाओ, ईनाम पाओ' स्कीम! केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायक के लिए मिलेगी इतनी राशी

हरिवंशपुर गांव में पिछले दिनों चमकी बुखार से 7 बच्चों की मौत हो गई थी. जिससे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी कोई भी जनप्रतिनिधि ग्रामीणों की सुध लेने नहीं आया.

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Published : Jun 23, 2019, 11:41 AM IST

गुस्साए ग्रामीणों का अनोखा विरोध

वैशालीः भगवानपुर प्रखंड के हरिवंशपुर गांव में अपने गायब जनप्रतिनिधियों को बुलाने के लिए ग्रामीणों ने अनोखा रास्ता अपनाया है. यहां स्थानीय सांसद और विधायकों को ढ़ूंढने के लिए ईनाम के तौर पर अलग-अलग धन राशी तय की गयी है.साथ ही ईनाम की राशी के लिए गांव के लोग घर-घर जाकर चंदा भी मांग रहे हैं.

जगह जगह लगाए बैनर

रामविलास पासवान पर 15000 का ईनाम
ग्रामीणों ने गांव में जनप्रतिनिधियों को ढूंढ कर लाने के लिए ईनाम के जो बैनर लगाए हैं, उसके माध्यम से सबसे बड़ा ईनाम केंद्रीय मंत्री रामविलास को ढूंढ कर लाने वालों के लिए घोषित की गई है. इसके तहत रामविलास को ढूंढने वालों को 15000 रुपया दिया जाएगा. हाजीपुर के लोजपा सांसद और रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस को ढूंढ कर लाने वाले को 11 हजार और लालगंज के लोजपा विधायक राजकुमार साहू को ढूंढने वाले को 5000 नगद देने का बैनर जगह-जगह टांगा गया गया.

मांगे चंदा

प्रशासन कर रही ग्रामीणों की उपेक्षा
इतना ही नहीं ग्रामीणों ने ईनाम देने के लिए घर-घर घूमकर चंदे भी मांगे हैं. इनाम के लिए चंदा मांगने वालों में गांव के कई लोग शामिल हुए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा भी उनकी उपेक्षा की जा रही है. जिसके चलते चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की मौत हो गई और बीमार बच्चों का ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा है. इसलिए वे लोग जनप्रतिनिधियों के खिलाफ विरोध करने पर मजबूर हैं.

खोए सांसदों को ढ़ूढने पर ईनाम की धोषणा

क्या है इस विरोध का कारण

दरअसल, हरिवंशपुर गांव में पिछले दिनों चमकी बुखार से 7 बच्चों की मौत हो गई थी. जिससे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी कोई भी जनप्रतिनिधि ग्रामीणों की सुध लेने नहीं आया. जिसके चलते जनप्रतिनिधियों को ढूंढ कर लाने वाले को इनाम देने के लिए गांव और सड़क पर बैनर लगाए गए हैं. ग्रामीणों का यह अनोखा विरोध इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

गुस्साए ग्रामीणों का अनोखा विरोध

लोग गांव से कर रहे पलायन
बता दें कि गांव में चमकी बुखार से 7 बच्चों की मौत हो जाने के बाद करीब तीन दर्जन परिवार गांव से पलायन कर चुके हैं और गांव में कई घरों में ताले लगे हुए हैं. बावजूद इसके किसी जन प्रतिनिधि का गावं में नहीं आने से ग्रामीणों में आक्रोश है.

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