वैशालीः भगवानपुर प्रखंड के हरिवंशपुर गांव में अपने गायब जनप्रतिनिधियों को बुलाने के लिए ग्रामीणों ने अनोखा रास्ता अपनाया है. यहां स्थानीय सांसद और विधायकों को ढ़ूंढने के लिए ईनाम के तौर पर अलग-अलग धन राशी तय की गयी है.साथ ही ईनाम की राशी के लिए गांव के लोग घर-घर जाकर चंदा भी मांग रहे हैं.
रामविलास पासवान पर 15000 का ईनाम
ग्रामीणों ने गांव में जनप्रतिनिधियों को ढूंढ कर लाने के लिए ईनाम के जो बैनर लगाए हैं, उसके माध्यम से सबसे बड़ा ईनाम केंद्रीय मंत्री रामविलास को ढूंढ कर लाने वालों के लिए घोषित की गई है. इसके तहत रामविलास को ढूंढने वालों को 15000 रुपया दिया जाएगा. हाजीपुर के लोजपा सांसद और रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस को ढूंढ कर लाने वाले को 11 हजार और लालगंज के लोजपा विधायक राजकुमार साहू को ढूंढने वाले को 5000 नगद देने का बैनर जगह-जगह टांगा गया गया.
प्रशासन कर रही ग्रामीणों की उपेक्षा
इतना ही नहीं ग्रामीणों ने ईनाम देने के लिए घर-घर घूमकर चंदे भी मांगे हैं. इनाम के लिए चंदा मांगने वालों में गांव के कई लोग शामिल हुए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा भी उनकी उपेक्षा की जा रही है. जिसके चलते चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की मौत हो गई और बीमार बच्चों का ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा है. इसलिए वे लोग जनप्रतिनिधियों के खिलाफ विरोध करने पर मजबूर हैं.