वैशाली:कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रत्येक वर्ष हाजीपुर में गंगा गंडक के संगम कोनहारा घाट पर स्नान के साथ साथ भूत खेली के लिए भी पहुंचते हैं. कोरोना के कारण सरकार ने भले ही लोगों से अपील की थी कि घाटों पर ना जाएं लेकिन इसे कोई मानने को तैयार नहीं है. स्नान के साथ साथ भूत खेली के लिए भी हजारों की संख्या में लोग देर रात से ही कनाडा घाट पहुंचे हुए हैं और अलग अलग तरीके से हरकतें कर भूत खेली कर रहे हैं.
वैशाली: कौनहारा घाट पर अंधविश्वास का सबसे बड़ा खेल - अंधविश्वास का बड़ा खेल
वैशाली हाजीपुर स्थित कोनहारा घाट पर कोरोना महामारी में अंधविश्वास का बड़ा खेल देखने को मिला. कोनहारा घाट पर भूतों का सबसे बड़ा मेला लगता है. जिसमें दूर दूर से लोग आते है.
कोरोना का नाम सुनते ही घबराए तांत्रिक
ये सब एक सिद्धि के लिए हो रहा है इनका मानना है कि ऐसे सिद्ध व्यक्ति किसी भी भूत प्रेत को तंत्र मंत्र जादू टोने को ठीक कर सकते हैं. लेकिन जैसे ही कोरोना भगाने की बात पूछी गई तो तांत्रिक कोरोना का नाम सुनते ही हाथ जोड़ लेते हैं और कहते हैं कि ये भूत और भगवान से भी ज्यादा बलवान है इसे हम क्या कोई ठीक नहीं कर सकता.
दुनिया का सबसे बड़ा भूतों का मेला
बिहार के हाजीपुर के कोनहारा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर दुनिया के सबसे बड़ा भूतों का मेला लगता है. हाजीपुर के कोनहारा घाट को पुराणों में मोक्ष भूमि माना जाता है. हाजीपुर स्थित कोनहारा घाट का विशेष महत्व है और यहां कई सालों से कार्तिक पूर्णिमा के दिन भूतों का मेला लगता है, जहां लोग दूर-दूर से आते हैं.