पटना/वैशाली:कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा घाटों में आस्था और अंधविश्वास का संगम देखने को मिला. मंगलवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया और पूजा-अर्चना की. इस दौरान आस्था के नाम पर अधंविश्वास का खेल भी खूब दिखा. लोग ओझा और अघोड़ियों के पास इकट्ठा होकर शारीरिक और मानसिक तकलीफ दूर कराते दिखे.
मनेर घाट का कुछ यूं रहा नजारा
मनेर के हल्दी छपरा स्थित संगम घाट में भी हजारों की संख्या में भक्त स्नान के लिए पहुंचे. यहां अघोड़ी बाबा भूत भगाने के नाम पर महिलाओं को नाच नचाते दिखे. वहीं, पुरुषों के गले में रस्सी बांधकर उन्हें गंगा में स्नान कराया गया. कुछ बाबाओं ने पतली छड़ी से भक्तों को पीटा. वहां मौजूद अघोड़ी का कहना था कि ऐसा करके वह भक्त को भगवान से मिलवाते हैं और उनकी तकलीफ दूर करते हैं.
वैशाली में हर साल होता है यही हाल
वहीं, हाजीपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन यही हाल रहता है. लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के बाद ओझा-अघोड़ियों की झुंड में शामिल हो जाते हैं. शारीरिक और मानसिक इलाज के नाम पर घाटों में मौजूद अघोड़ी भक्तों को मारते-पीटते हैं. वहीं, भक्त भी इन बाबाओं के इशारों पर काम करते नजर आते हैं.
बता दें कि इस अंधविश्वास की शिकार केवल महिलाएं ही नहीं हैं. भारी संख्या में पुरुष भी इसमें विश्वास करते हैं. अंधविश्वास का यह खेल घंटों यूं ही घाट पर चलता रहता है और पुलिस-प्रशासन मूकदर्शक बनकर यह नजारा देखते हैं.
वैशाली में दिखा ऐसा नजारा नोट-ईटीवी भारत किसी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है. हम किसी की आस्था या धर्म को ठेस पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं रखते. उक्त खबर, जागरूकता मात्र प्रेषित की गई है.