वैशालीःयूक्रेन-रूस युद्ध (Ukraine-Russia War) धीरे-धीरे गंभीर होते जा रहा है. इसी बीच यूक्रेन से सुरक्षित पड़ोसी मुल्कों के बार्डर तक पहुंचने में भारतीय तिरंगा भारतीय मूल के ही नहीं पाकिस्तानी छात्रों के लिए भी ढाल बन रहा है. विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा.. यूक्रेन संकट के दौरान भी सच साबित हो रहा है. यूक्रेन से बिहार के वैशाली लौटे भारतीय छात्र अभिषेक कुमार सिंह ने ये जानकारी दी.
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तिरंगा लगे वाहनों की नहीं होती है जांचः यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्र अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि बताया कि रूस के हमले के बाद यूक्रेन से बाहर निकलकर पड़ोसी मुल्कों के सीमा तक सुरक्षित पहुंचना चुनौती बनी हुई है. भारतीय छात्रों के लिए यूक्रेन से बाहर निकलने में पहले दिन से ढाल बनकर उभरा है. भारतीय झंडे लगे वाहनों को या छात्रों के दलों को बेरोक-टोक आगे बढ़ने दिया जा रहा है. यूक्रेन ही नहीं रूसी सेना के जवान कहीं भारतीय छााओं को नहीं रोकते हैं. न ही उनके वाहनों की जांच-पड़ताल करते हैं. इस कारण बड़े आसानी से भारतीय दल रोमानिया, पोलैंड सहित अन्य बॉर्डर पर पहुंच जाते थे.
गैर भारतीय झंडे लगे वाहन पर होती है सख्तीः अभिषेक कुमार सिंह ने आगे बताया कि भारत छोड़ अन्य देश के झंडे लगे वाहनों की तलाशी ली जाती है. साथ ही वाहन पर सवार नागरिकों की एक-एक कर पासपोर्ट की जांच सघनता से की जाती है. यही नहीं उनके वाहनों को कई जगहों पर बेवजह रोका जाता है. कई वाहनों को यूक्रेन में अलग-अलग जगहों पर बने चेक पोस्टों पर रोका जाता है. इसमें उनका काफी समय बर्बाद होता है.