सोनपुर: 31 दिनों के बाद मंगलवार को सोनपुर मेला का समापनहो गया. राजद विधायक रामानुज प्रसाद ने अपने ही सरकार के मंत्री के सामने व्यवस्था पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि आप लोगों ने दुनिया के मेला को गांव का मेला बना दिया. सोनपुर मेला एशिया प्रसिद्ध मेला था. मेला प्रबंधन में भारी कमी रही.
सोनपुर मेले का समापन: उन्होंने कहा कि मेला का जो उद्देश्य था, उस उद्देश्य में मैं समझता हूं. बहुत कमी रह गई. इससे पहले मेले में कंबाइंड कमेटी बैठा करती थीं. इसका रिकार्ड देखा जाए. पहले सारण जिला और वैशाली जिला का कंबाइंड बैठक हुआ करती थी. मैं पार्टिसिपेट करता था. एक दिन हाजीपुर में तो एक दिन सोनपुर में बैठक होती थी. यहां लगने वाला सोनपुर मेला हमारे क्षेत्र के लोगों की रोजी-रोजगार से जुड़ा हुआ है और मेले का धार्मिक महत्व भी है.
"हम सोनपुर के लोगों की आवाज होने के नाते हम इस लड़ाई को लड़ते रहे हैं. आवाज उठाते रहे हैं आगे भी उठाते रहेंगे. यहां किसी को कार्ड नहीं मिला.आज समापन समारोह का भी किसी को भी कार्ड नहीं मिला. कहीं ना कहीं कमी रही कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सलाह नहीं लिया. कभी कोई चर्चा नहीं की."- डॉक्टर रामानुज प्रसाद यादव, विधायक
मेला कमेटी पर सवाल:विधायक डॉक्टर रामानुज प्रसाद यादव ने मंच पर भाषण देते हुए आगे कहा कि यह सोनपुर मेला की कमेटी पहले हुआ करती थी. उद्घाटन के समय भी हमने देखा और सब समापन समारोह भी हमने देखा. समापन में भी सरकार के लोग आते थे. संबंधित मंत्री रहते थे. यह मंत्री हैं लेकिन यह हमारे जिला के प्रभारी मंत्री हैं. पता नहीं कौन सी दृष्टि पड़ी है. हमारे मेला के प्रति जो वक्र दृष्टि है. मेला के मुख्य पर्यटक मंच पर बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार ने प्राइज वितरण कर मेला का समापन किया. वहीं मौके पर सारण डीएम अमन समीर मौजूद थे.