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Published : Oct 5, 2019, 9:26 AM IST

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सोनपुर में दाने-दाने को मोहताज बाढ़ पीड़ित, राहत शिविरों में मदद के दावे खोखले

सामुदायिक भवन में रह रहे लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. इनका कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें किसी तरह की कोई मदद नहीं दी जा रही है. मवेशियों के लिये चारा जुटाना भी मुश्किल होता जा रहा है. ये पीड़ित भूखे पेट रहकर किसी तरह जिंदगी बिताने को मजबूर हैं.

बाढ़ पीड़ितों को नहीं दी जा रही राहत सामग्री

सारण: सोनपुर प्रखंड के राहर दियारा क्षेत्र में रहने वाले हजारों ग्रामीणों की परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है. बाढ़ के पानी में अभी भी सैकड़ों ग्रामीणों का घर डूबा हुआ है. प्रशासन द्वारा इन्हें डीआरएम कार्यालय के पास एक सामुदायिक भवन में शिफ्ट तो कर दिया गया लेकिन सुविधा के नाम पर इन्हें कुछ नहीं दिया जा रहा. बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने का सरकारी दावा खोखला साबित हो रहा है.

प्रशासन लगातार दावा कर रहा है कि बाढ़ पीड़ितों के लिये शिविर लगाया जा रहा है, सामुदायिक किचन की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन जब ईटीवी भारत ने यहां का जायजा लिया तो तस्वीरें चौंका देने वाली थी. इस सामुदायिक भवन में रह रहे लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. मवेशियों के लिये चारा जुटाना भी मुश्किल होता जा रहा है. ये पीड़ित भूखे पेट रहकर किसी तरह जिंदगी बिताने को मजबूर हैं.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ का कहर जारी
बता दें कि पिछले दिनों गंगा और गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर से इन क्षेत्रों में पानी घुस गया था जो अभी तक पूरी तरह से निकला नहीं है. सैकड़ों ग्रामीण ऊंचे स्थान पर शरण लिये हुए हैं. तकरीबन 20 दिनों से ये लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. घर में पानी लगने से सब कुछ बर्बाद हो गया. अब न तो खाने के लिये अनाज बचा है, न अनाज खरीदने के लिये पैसे. खेतों में लगी फसलें भी नष्ट हो गईं.

कई घरों में घुसा पानी.

भूखे पेट जीने को मबजूर
पीड़ितों का कहना है कि इनके सामने भूखमरी की नौबत आ गई है. कुछ दिनों पहले तक ये लोग कर्ज लेकर परिवार का भरण-पोषण करते थे. लेकिन अब लोगों ने कर्ज देना भी बंद कर दिया है. ऐसे में दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है. इस संकट की घड़ी में अभी तक किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इनकी सुध नहीं ली. सरकार और प्रशासन के उदासीन रवैये से लोगों में खासा नाराजगी है.

बाढ़ का कहर जारी

प्रशासन की उदासीनता
प्रशासन की ओर से दियारा के उत्तरी सब्बलपुर पंचायत के एक सरकारी उत्क्रमित स्कूल में बाढ़ पीड़ितों के लिये शिविर चलाई जा रही थी. लेकिन पंचायत के सरपंच मनोज कुमार राय की मानें तो प्रशासन की मदद नहीं के बराबर है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से हो रही कटाव सबसे बड़ी समस्या है. इससे हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं लेकिन इस दिशा में प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है.

ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से मदद की गुहार
लोगों का कहना है कि सरकार ऐसे झूठे शिविर चलाने की बजाय अगर गंगा नदी में रिंग बांध की व्यवस्था करे तो लोगों को काफी राहत मिलेगी. बता दें कि सोनपुर प्रखंड के लगभग आधा दर्जन पंचायत बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. गंगा में अभी भी कटाव जारी है. पीड़ितों ने ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

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