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बिहार के रामभद्र गांव में मौजूद हैं भगवान राम के पद चिन्ह, पूरी होती है मनोकामना

भगवान राम के आगमन के चलते इस गांव का नाम रामभद्र पड़ गया. वहीं मंदिर में भगवान राम के पैरों के निशान आज भी मौजूद हैं.

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Published : Apr 13, 2019, 7:46 PM IST

ram mandir

वैशाली: जिले भर में रामनवमी धूमधाम से मनायी गयी. हाजीपुर के रामभद्र रामचौड़ा मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. वहीं, सभी ने विधि विधान से पूजा-पाठ कर अपने परिवार में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की. मंदिर परिसर में प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये.

हाजीपुर मुख्यालय से महज 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रामभद्र रामचौड़ा मन्दिर में रामनवमी को लेकर अहले सुबह ही लोग पूजा करने पहुंचे. वहीं, मंदिर समिति ने कीर्तन और अष्टजाम का आयोजन भी किया. हर वर्ष की भांति इस बार भी यहा जुलूस निकाला गया. ये जुलूस शहर के प्रमुख चौक-चौराहों से होते हुए मन्दिर परिसर में आकर समाप्त हुआ.

जानकारी देते संवाददाता

प्राचीन मंदिरों में से एक
रामभद्र रामचौड़ा मन्दिर के बारे में पुराणों में उल्लेख मिलता है. यहां के पुजारियों की मानें तो इस मंदिर में श्रीरामचंद्र आए थे. भगवान श्रीराम ने ताड़का नामक राक्षस को वध करने के बाद इस मंदिर में प्रस्थान किया था. उन्होंने पास के घाट पर अपना मुंडन करवाया था साथ ही स्नान किया था.

ऐसे पड़ा गांव का नाम रामभद्र
भगवान राम के आगमन के चलते इस गांव का नाम रामभद्र पड़ गया. वहीं मंदिर में भगवान राम के पैरों के निशान आज भी मौजूद हैं. रामनवमी के दिन यहां मेला लगता है. यहां आने वाले श्रद्धालुओ की मानें, तो यहां भगवान श्रीराम चन्द्र के पैर के चरण का चिन्ह देखकर ही मन खुश हो उठता है. साथ ही उनके चरण स्पर्श करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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