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Prashant Kishor का नीतीश सरकार पर तंज- 'बिहार में 2 नए उद्योग शुरू हुए हैं, शराब और बालू माफिया'

जन सुराज पदयात्रा इन दिनों वैशाली जिले में है. मंगलवार को प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में दो नए उद्योग शुरू हो गये हैं. शराब माफिया और बालू माफिया. पीके ने कहा कि आज से पांच साल पहले ये इतना नहीं था. पढ़ें पूरी खबर.

पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर
पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर

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Published : May 9, 2023, 7:18 PM IST

पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर

वैशाली:चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election strategist Prashant Kishor) की पदयात्रा इन दिनों वैशाली जिले के महनार प्रखंड में है. मंगलवार को जन सुराज पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, बिहार में आज दो नए उद्योग शुरू हो गए हैं. शराब माफिया और बालू माफिया. आज से 5-7 वर्ष पहले इतने बड़े पैमाने पर नहीं थे. जितने की आज हो गए.

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"बिहार में आज दो नए उद्योग शुरु हो गए हैं. शराब माफिया और बालू माफिया. आज से 5-7 वर्ष पहले इतने बड़े पैमाने पर नहीं थे. जितने की आज हो गए. बिहार में आज यह दोनों उद्योग बढ़िया से फल फूल रहा है. बिहार में आज यह दोनों उद्योग लाखों करोड़ रुपए के शराब और बालू के लूट हो रही है. इसमें ऊपर से लेकर नीचे तक के लोग मिले हुए. शराबबंदी के नाम पर शराब की दुकान बंद है, लेकिन शराब की घर-घर डिलीवरी हो रही है. वही स्थिति बालू की है, जो जितना ताकतवर है. वह वहां से बालू उठा रहा है. आज राज्य में इसको रोकने वाला कोई नहीं है. बालू माफिया ऐसे हैं. जैसे जिसकी लाठी उसकी भैंस वाले बात हो गई है."- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

भूमि सुधार को लेकर नहीं हुआ कोई प्रयास: प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में 75 सालों में भूमि सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया है. जिसकी वजह से आज देशभर में बिहार ऐसा राज्य है, जहां भूमिहीन लोग अधिक मात्रा में रहते हैं. बिहार में 60 फीसदी लोगों के पास जमीन नहीं है. बिहार में छोटे किसान हैं, जिसकी वजह से बिहार में आज कमाने वाली नहीं खाने वाली खेती हो रही है. कमाने का कोई विकल्प नहीं है. वहीं, चुनाव लड़ने के सवाल पर पीके ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर नेता और दलों को सलाह देकर जिता सकते हैं तो भरोसा रखें कि बिहार की जनता को भी जिता सकते हैं.

"अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पूरी तरह से जनता पर निर्भर करेगा. अगर लोगों को लगेगा कि विकल्प की जरुरत है तो उसकी मदद हम करेंगे. जैसे पिछले 5 जिलों में पदयात्रा कर रहे थे तो वहां एमएलसी का चुनाव था तो लोगों ने ताय किया की अफाक अहमद अच्छे आदमी हैं. इनकी मदद करनी चाहिए. जन सुराज शिक्षक निर्वाचन के चुनाव में अफाक आमद की मदद की और वह चुनाव जीत गए. 2024 में हो रहे लोकसभा चुनाव में लोग अगर तय करेंगे कि चुनाव लड़ना चाहिए तो उसकी मदद हम करेंगे."-प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

कौन आ रहा है इसपर चर्चा नहीं होनी चाहिए- पीके: बागेश्वर धाम के कथा वाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पटना आगमन पर काफी बवाल मचा हुआ है. इसको लेकर प्रशांत किशोर ने कहा की बिहार में हजारों लोगों की भूख की वजह से मौत हो रही है. बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा नहीं है. बिहार के युवा 10 से 15 हजार के लिए दूसरे राज्य में जाकर अपना जीवन खपा रहे हैं. लेकिन लोग यह चर्चा कर रहे हैं कि कौन से बाबा बिहार आ रहे हैं.

"किसी भी बाबा को आना है तो आने दीजिए. जिसको जाकर उनको सुनना होगा, वह जाकर सुनेंगे. जिसको नहीं सुनना है वह नहीं सुनेंगे. यह सरकार के लिए विवाद का विषय नहीं होना चाहिए कि कौन आ रहा है और कौन नहीं आ रहा है. कोई बाबा साजसेवी या कोई सामान्य आदमी जब तक कि वह कानून के हिसाब से काम कर रहा है. लोकतंत्र में उन्हें स्वतंत्रा है कि वह कही भी अपनी बातें रख सकते हैं. कही भी जा सकते हैं. यह सरकार के लिए मुख्य मुद्दा नहीं है."- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

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