वैशाली: कोरोना काल के दौरान बिहार के सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था (Poor system of government hospitals of Bihar) को लेकर सरकार की काफी छीछालेदर हुई थी. तब आरोप लगाये गये थे कि समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं रहने से कई मरीजों की जान चली गयी थी. उसके बाद सरकार ने दावा किया था कि सभी अस्पतालों आधुनिक उपकरण लगाये गये हैं. इलाज की पूरी व्यवस्था की गयी है लेकिन वैशाली की एक घटना ने सरकार के दावों की पोल खोल दी. हाजीपुर सदर अस्पताल में बिजली गुल (Power Cut in Hajipur Sadar Hospital) रही. मरीजों का इलाज मोबाइल की लाइट में हो रहा था. यहां तक कि मरीज को टांका भी मोबाइल की लाइट जलाकर ही लगा.
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मोबाइल की रोशनी में इलाज:वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर का सदर अस्पताल का यह वीडियो सरकार के तमाम दावों को खोखला साबित कर रहा है. वीडियो में साफ दिखाई पड़ रहा है कि सदर अस्पताल के ओटी में मोबाइल और टॉर्च की लाइट में मरीजों को टांके लगाए जा रहे हैं. बिजली कटने के कारण मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज चल रहा है. जिन मरीजों की ड्रेसिंग और टांके वगैरह की जरूरत है, उनका इलाज भी मोबाइल की रोशनी में ही किया जा रहा है जबकि यह बेहद संवेदनशील काम है. इसमें थोड़ी सी लापरवाही मरीजों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है.
पूरी रात गुल रही बिजली:बताया गया कि देर शाम हाजीपुर सदर अस्पताल की बिजली अचानक गुल हो गई. इसके बाद अस्पताल में इलाज की व्यवस्था चरमरा गई. काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब बिजली नहीं आई तो अस्पताल कर्मियों द्वारा बिजली मिस्त्री को बुलाया गया. मिस्त्री ने देखने के बाद बताया कि इसे तत्काल ठीक कर पाना संभव नहीं है. बताया गया कि लगभग पूरी रात बिजली गुल रही. इस दौरान किसी तरह अस्पताल के कर्मी मोबाइल की लाइट में काम करते रहे. अस्पताल के एक कर्मी ने बताया कि जो बेहद जरूरतमंद और गरीब मरीज हैं, उन्होंने हिम्मत करके मोबाइल की रोशनी में टांके लगवाए और अपना इलाज करवाया. कई मरीज बिजली नहीं होने के कारण निजी अस्पतालों में चले गए.