वैशाली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट 'हर घर, नल से जल' योजना सफेद हाथी साबित हो रहा है. इसकी एक और बानगी दिखी हाजीपुर प्रखंड के अस्तीपुर गांव के वार्ड नंबर 2 और 3 में. यहां बुनियादी सुविधाएं भी नदारत हैं. यहां लोग सड़क से लेकर पानी और बिजली तक की समस्याओं से जूझ रहे हैं.
जिला मुख्यालय हाजीपुर से महज सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गौसपुर इजरा पंचायत. यहां के अस्तीपुर गांव के वार्ड 2 और 3 में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. मुख्यमंत्री के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. लाख प्रयास के वाबजूद यहां पांच वर्षों में घर-घर नल जल योजना नहीं पहुंची है. सरकारी तौर पर सिर्फ चार चापाकल की व्यवस्था की गई है वो भी सूखे और खराब पड़े हैं.
स्वास्थ्य उपकेंद्र पर लटका ताला
इस क्षेत्र में दो साल पहले सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च करके स्वास्थ्य उपकेंद्र बनवाया गया था जो आजतक बंद पड़ा है. इसका खामियाजा आएं दिन लोगों को भुगतना पड़ता है. छोटे मोटे इलाज के लिए भी इन्हें हजारों रुपये खर्च कर सात किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.
पेयजल की समस्या से जूझ रहे लोग
क्षेत्र में ड्रेनेज नहीं होने के चलते नाले का पानी सड़कों पर बह रहा है. लोगों को आवागमन करने में काफी कठिनाई होती है. लोगों का कहना है कि यहां सबसे ज्यादा पेयजल की समस्या है. इस क्षेत्र में रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने सरकार पर भेदभाव का भी आरोप लगाया है. गांव के एक बुजुर्ग की मानें तो आसपास के क्षेत्रों में सरकार ने कुछ कार्य भी कराया हैं लेकिन हाजीपुर प्रखंड के अस्तीपुर गांव में विकास के नाम पर कुछ नहीं कराया गया.
शिकायत करने पर भी नहीं निकला समाधान
इस बस्ती के लोग विकास नहीं होने पर खुद को ठगा महसूस करते हैं. बिजली की भी स्थिति काफी जर्जर है. तार नीचे लटके हुए हैं. ऐसे में बारिश के समय में हमेशा खतरा बना रहता है. इसकी शिकायत कई बार जनप्रतिनिधियों से की गई बावजूद इसके स्थिति में सुधार नहीं हुआ.
क्या कहते हैं पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता
इस संबंध में पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि हमलोग लगातार युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं. सरकार के निर्देशानुसार निवेदा आवंटित किया गया है. कई जगहों पर काम शुरु हो गया है. जल संकट की समस्या से जूझ रहे लोगों के बीच जलापूर्ति की जा रही है.