वैशाली:गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के बाद दियारा क्षेत्र के कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया. वो सभी बाढ़ पीड़ित लोग तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. लेकिन किसी तरह की कोई सरकरी सहायता नहीं मिलने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, तटबंध पर लाइट की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग दिया और टॉर्च के सहारे अपनी रात काट रहे हैं.
दीया के सहारे काटती है रात बाढ़ प्रभावित इन लोगों की स्थिति जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो वहां मौजूद बाढ़ प्रभावितों को यकीन ही नहीं हुआ कि जिनकी खबर लेने के लिए अभी तक कोई जनप्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी नहीं पहुंचा, वहां ईटीवी भारत की टीम आ पहुंची.
सांप-बिच्छू के डर से रातभर करते हैं पहरेदारी
बाढ़ पीड़ित प्राकश कुमार ने कहा कि घरों में पानी भर जाने के कारण वो सभी यहां शरण लिए हुए हैं, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि मुखिया, वॉर्ड कमिश्नर या विधायक मदद करने के लिए नहीं आया है. चारों तरफ पानी ही पानी होने के कारण सांप और बिच्छू का डर लगा रहता है. घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं. इनकी सुरक्षा के लिए रात भर जगते हैं और लाठी लिए रहते हैं. ताकि कोई सांप निकले तो उसे भागकर अपने बच्चों की जान बचा सके.
लाठी-डंडा लेकर रातभर करते हैं पहरेदारी मदद की गुहार
कई लोगों ने बताया कि बाढ़ के कारण सारा अनाज बह गया या फिर भींग गया. इस कारण से उन्हें किसी किसी दिन तो भूखे पेट रहना पड़ता है. उन लोगों का राशन कार्ड भी नहीं बनाया गया है. वहीं, बिजली नहीं रहने के कारण दीये जलाकर रात काटनी पड़ती है. ऐसे हालात में उन लोगों का हाल-खबर लेने के लिए बाढ़ पीड़ितों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया. सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि से मदद की गुहार लगाई.