वैशाली:राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी सत्य के राष्ट्रीय संयोजक शेर सिंह राणा घटारो पहुंचे. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी का झंडा या पार्टी काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि अकबर और महाराणा प्रताप में जब लड़ाई हुई थी तब अकबर ने अपने सेनापति मानसिंह को लड़ाई के लिए भेजा था. उनके साथ लड़ने के लिए 50,000 राजपूत सैनिक भी गए थे. वहीं महाराणा प्रताप ने अपने सेनापति मोहम्मद हकीम को लड़ाई के मैदान में भेजा. जिसके साथ मात्र 25,000 मुस्लिम सैनिक थे. उन्होंने बताया कि मानसिंह के साथ भले ही पचास हजार राजपूत सैनिक लड़ रहे थे और अगर वह जीत भी जाते तो जीत अकबर की कहलाती न कि क्षत्रियों की. भले ही महाराणा प्रताप के तरफ से उनका सेनापति हकीम लड़ रहा था. जिसके साथ मात्र 25000 मुस्लिम सैनिक थे फिर भी जीत अगर महाराणा प्रताप की होती तो जीत क्षत्रियों की कहलाती.
वैशाली: घटारो पहुंचे राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी सत्य के राष्ट्रीय संयोजक शेर सिंह राणा, लोगों ने किया भव्य स्वागत
शेर सिंह राणा का धनुषी, घटारो, नामिडीह, बाईपास में महाराणा प्रताप चौक, रसूलपुर आदि कई जगहों पर भव्य स्वागत किया गया. उन्होंने अपने संबोधन में एनडीए के प्रति नाराजगी जताई.
शेर सिंह राणा ने आगे कहा कि यह बात समझना जरूरी है कि भले ही हम लोग भाजपा सरकार या फिर मोदी सरकार को वोट दिए या देने का काम किया. लेकिन हमारी बात सुनने वाला वहां कोई नहीं. आज हमारे युवा पढ़ लिखकर बेरोजगार है. आज एनडीए में 44 घटक दल है मोदी सरकार क्षत्रिय के लिए अगर कुछ करना भी चाहती है तो इसका विरोध होता है. इसलिए हमें भी सरकार में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. तभी जाकर हमें हमारा सम्मान मिल पाएगा.
बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोग रहे मौजूद
राणा ने बताया कि मैंने महाराजा पृथ्वीराज के समाधि को सम्मान दिलाने के लिए काम किया. वे अफगानिस्तान के गजनी में अपमान का दंश झेल रहे थे. तिहाड़ जेल से फरार होकर कई देशों के रास्ते वहां पहुंचा और उनकी समाधि को वहां से लाकर भारत में गंगा में विसर्जित किया. यह सिर्फ सम्राट पृथ्वीराज चौहान के लिए नहीं था बल्कि हमारे मान सम्मान स्वाभिमान के लिए था. आज हमें उसको बचाने की जरूरत है इसलिए हमे एकजुट होना है. एक विचारधारा के तहत अपने आप को खड़ा करना है, औऱ सरकार में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी है. मौके पर बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोग उपस्थित रहे.