वैशाली:वैशाली के हाजीपुर में कोनहारा घाट स्थित पातेपुर महंत के मंदिर परिसर में साधुओं की बैठक (Meeting of sadhus in temple premises of Patepur Mahant) का आयोजन किया गया. इस बैठक में 50 से ज्यादा मठ मंदिरों के साधु महंत इकट्ठा हुए थे. जिसमें भारत साधु समाज के कार्यकारी मंत्री स्वामी केशवानंद के नेतृत्व में बैठक की गई. बताया गया कि बिहार सरकार के एक मंत्री ने अपने बयान में कहा था कि मठ मंदिरों की जमीनों पर भी सरकार का पूर्णत: नियंत्रण होगा. जिसके बाद आनन-फानन में साधु महंतों की बैठक बुलाई गई थी.
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'मठों की जमीनें गई तो करेंगे आंदोलन':सभी श्रेष्ठ महंतों के द्वारा पटना जाकर बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Kumar Choudhary) से पहले मुलाकात की गई. इसके बाद हाजीपुर में निर्धारित बैठक में सभी ने अपने अपने विचार साझा किए हैं. इस विषय पर पातेपुर रामजानकी मठ के महंत विश्व मोहन दास ने बताया कि हिंदू सनातन धर्म में गुरुकुल की परंपरा रही है. शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की सारी व्यवस्था मठों के द्वारा भी की जाती है. ऐसे में सरकार अगर मठों की जमीन पर नजर डालती है तो हम सभी आंदोलन करेंगे. चरणबद्ध तरीके से पूरे देश के साधु संत इकट्ठा होंगे और आगे की कार्रवाई की जाएगी.
शिक्षा मंत्री से मिला महंतों का शिष्टमंडल: महंत विश्व मोहन दास ने बताया कि सरकार के एक मंत्री के द्वारा अनाप-शनाप बयान दिया गया है. जिसके बाद से संतों की बैठक बुलाई गई है. वहीं, भारत साधु समाज के कार्यकारी मंत्री स्वामी केशवानंद ने बताया कि बिहार सरकार के एक मंत्री के बयान के बाद महंतों की एक शिष्टमंडल ने जाकर शिक्षा मंत्री से मुलाकात की थी. जहां उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनकी संपत्ति पर किसी की भी कुदृष्टि नहीं होगी. साथ ही इसके लिए एक लिखित आवेदन देने की भी बात कही गई है, जिसके लिए तैयारियां चल रही है. एक अन्य महंत कमला नारायण दास ने बताया कि हम सभी भारत सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं. सरकार अगर हमारी संपत्ति ले लेगी तो फिर हम लोग किस तरीके से लोगों की सेवा करेंगे.
बता दें कि कुछ दिनों पहले किसी अखबार में बिहार सरकार के एक मंत्री का बयान आया था जिसमें कहा गया था कि मठ मंदिरों की जमीन पर सरकार का पूर्णत: नियंत्रण रहेगा. जिसके बाद साधु महंतों में खलबली मची हुई है. हालांकि, बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद महंतों को उम्मीद है कि बिहार सरकार द्वारा ऐसा कोई भी कानून नहीं लाया जाएगा, जिससे उन लोगों को नुकसान हो.
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