वैशाली:बेगूसराय की विधान पार्षद (Begusarai Legislative Councilor) द्वारा विधानसभा में उठाए गया आवाज लोगों के लिए अबूझ पहेली बन गया है. दरअसल, बेगूसराय की MLC रोजिना ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान वैशाली जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के प्रतापटांड़ महादेव पोखर के किनारे लगे अतिक्रमण को लेकर प्रश्न उठाया था. उन्होंने महादेव पोखर के नजदीक किए गए, अतिक्रमण को लेकर सरकार से जवाब मांगा था. जिसके आलोक में भूमि सुधार विभाग बिहार सरकार (Land Reforms Department Government of Bihar) के उप सचिव मनोज कुमार झा ने वैशाली समाहर्ता को पत्र लिख मामले को स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद से वैशाली जिला प्रशासन हरकत में आ गई है.
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अतिक्रमण को लेकर सरकार से जवाब मांगा:इसी क्रम में भगवानपुर के सीओ रंम्भू झा पुलिस बल के साथ महादेव पोखर पहुंचे. जहां उनके साथ पैमाइश करने के लिए सरकारी अमीन भी मौजूद थे. अमीन एफएमआईसी के बाद जानकारी दी कि काफी क्षेत्र को अतिक्रमण किया गया है, जिसके बाद से जिला प्रशासन महादेव पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराने में लगा (Mahadev Pokhar was Made Encroachment free in Vaishali) है. इस क्रम में कई दुकानों को तोड़कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. इससे पहले अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए 1 दिन पहले भी स्थानीय प्रशासन मौके पर गई थी. लेकिन तब लोगों के विरोध के बाद वापस आ गई थी. जिसके बाद प्रशासन पूरी तैयारी के साथ दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और अतिक्रमण मुक्त कराने में लग गया.
अतिक्रमण हटाने में जुटा प्रशासन :हालांकि स्थानीय लोगों के मान-मनोवल के बाद दुकानदारों को 1 दिन का और समय सामानों को हटाने का दिया गया है. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन को अतिक्रमण मुक्त कराकर जलद से जलद भूमि सुधार विभाग को रिपोर्ट भेजनी है. जिसके लिए आनन-फानन में अतिक्रमण हटाने का कार्य किया जा रहा है. इस विषय में स्थानीय मुखिया राजू शाही ने बताया कि बेगूसराय की विधान पार्षद रोजीना नाफीस का यहां कोई भी नाता रिश्ता और ना कोई संपर्क है.
रोजिना नफीस ने विधानसभा में अतिक्रमण का उठाया मुद्दा :इसके बावजूद उन्होंने विधानसभा में क्यों प्रश्न उठाया यह समझ में नहीं आ रहा है. उन्होंने बताया कि दुकानदारों को समय मिलना चाहिए. गौरतलब है कि महादेव पोखर से शिव बारात और दशहरे का मेला लगता है. यह काफी समय से स्थानिए हिंदुओं के आस्था का केंद्र रहा है जो अतिक्रमण से सिकुड़ता जा रहा था. कहा जा सकता है कि एक मुस्लिम जनप्रतिनिधि ने अतिक्रमण मुक्त कराने की आवाज उठा कर गंगा जमुनी तहजीब को जरूर बल दिया है.