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नीतीश की साइकिल के जवाब में लालू यादव ने इस स्कूल को दी थी बस, जानिए क्यों - स्कूल को सरकारी मान्यता पूरी तरह से अभी तक नहीं मिली

ग्रामीणों का कहना है कि यह स्कूल का नाम पहले कोई संत बाबा के नाम था. जो बाद में लालू यादव हाई स्कूल कर दिया गया. बता दें कि स्कूल को सरकारी मान्यता पूरी तरह से अभी तक नहीं मिली है.

लोकसभा चुनाव में वोट बैंक पाने का

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Published : Oct 24, 2019, 11:11 AM IST

वैशालीः सारण के तत्कालीन सांसद और राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने दिसंबर 2013 को सोनपुर प्रखण्ड के सब्बलपुर में अपने सांसद कोटे से हाईस्कूल को लाखों की कीमत वाली एक बस दी थी. जो पिछले छः वर्ष से जन- संसाधन और मेंटेनेंस नहीं होने के चलते जर्जर, खस्ता और बदहाल अवस्था में पहुंच गया है. माना जाता है कि लालू यादव यह बस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साइकिल योजना की जगह बच्चियों को देकर 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वोट बैंक का लाभ लेना चाहते थे.

सब्बलपुर में लालू यादव ने दिये थे बस
क्षेत्र के बुद्धिजीवियों से लेकर स्कूल के पुराने छात्र की मानें तो आज से छः वर्ष पूर्व दिए गए इस बस से क्षेत्र की सैकड़ों बच्चियां अपने घर से स्कूल आवाजाही करती थी. इसके अलावा छात्र और छात्राओं को प्रदेश के पर्यटक स्थल कहा जाने वाला राजगीर से लेकर बौद्धगया भी भ्रमण कराया गया था. इसके बाद इस बस में जन-संसाधन और मेंटेनेंस ठीक से नही होने के चलते पास के एक जगह पर खड़ा कर दिया गया. वर्षों से एक ही जगह पड़े रहने से यह खराब और बदहाल हो गया. बस की ज्यादातर चीजें खराब हो गई हैं. वहीं इसके महंगे पार्ट-पुर्जे को चोरों ने चोरी कर बेच दिया था.

स्कूल के छात्र

बस की मरम्मत के लिए सरकार नहीं देती पैसे
ग्रामीणों का कहना है कि यह स्कूल का नाम पहले कोई संत बाबा के नाम था. जो बाद में लालू यादव हाई स्कूल कर दिया गया. बता दें कि स्कूल को सरकारी मान्यता पूरी तरह से अभी तक नहीं मिली है. पहले कुछ वर्षों तक सरकार इसे अनुदान देती थी पर पिछले 7 वर्षों से एक पैसा सरकार ने नहीं दिया है. वहीं स्कूल जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है. स्कूल में चुनाव के समय कार्य लिया जाता है, पर इसकी मरम्मत सरकार नहीं कराती है.

दिसंबर 2013 में सांसद लालू ने स्कूल को दिया था बस

आठ वर्षों से सरकार ने नहीं दिया पैसा
ग्रामीण सरकार से स्कूल के अधिग्रहण करने की मांग करते रहते हैं, पर सरकार इस बात पर भी मौनरूप धारण की हुई है. माना जाता है कि इस स्कूल का नाम लालू प्रसाद यादव के नाम पर रखे जाने पर वर्तमान सरकार पिछले 7, 8 वर्षों से अनुदान भी देना बन्द कर दी है. स्कूल के एक शिक्षक की मानें तो अनुदान से चलने वाले इस स्कूल को पिछले आठ वर्षों से सरकार ने एक पैसा भी नही दिया है. ऐसे में बस का मेंटेनेंस कैसे किया जा सकता है. इस सम्बंध में जिला प्रशासन को आवेदन पत्र भी लिखा था जिसका आज तक कोई जवाब नहीं आया.

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