हाजीपुर:पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय हाजीपुर में कुव्यवस्था का आलम देखने को मिल रहा है. जोनल ऑफिस के पास में बना पॉली क्लिनिक अस्पताल जैसे-तैसे चलाया जा रहा है. यहां सभी विभाग के कर्मचारी मात्र एक डॉक्टर के भरोसे हैं. अस्पताल प्रभारी के कंधों पर लगभग चार हजार कर्मचारियों के इलाज की जिम्मेदारी है.
ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में कई बातें उभर कर सामने आयी. रेलवे कर्मचारी भी विभाग की व्यवस्था से खुश नहीं दिखे. अपना इलाज कराने आये आरपीएफ जवान मुकेश कुमार ने ईटीवी को बताया कि यहां दवाईयों की कमी है. डॉक्टर से दिखाने के बाद बाहर से दवाईयां लेनी पड़ती है.
मुख्यालय हाजीपुर, सेन्ट्रल हॉस्पीटल पटना में
वहीं, दूसरे स्टाफ ने बताया कि जब रेलवे का मुख्यालय यहां है तो करोड़ों का सेन्ट्रल हॉस्पीटल पटना में बनाने का क्या मतलब है. कुछ भी होने पर पटना जाना पड़ता है. जबकि हाजीपुर में अस्पताल निर्माण के लिए पर्याप्त जमीन थी. उसने बताया कि यह पॉली क्लिनिक अस्पताल रात में बन्द हो जाता है. परिसर के रेलवे क्वार्टर में रहने वाले लोगों की तबीयत खराब होने पर इलाज कैसे होगा. ऐसे में पटना हॉस्पीटल जाते-जाते मरीज के साथ अनहोनी भी हो सकती है.
अस्पताल प्रभारी डॉक्टर श्वेता डॉक्टर, जांच मशीन और एम्बुलेंस की कमी
अस्पताल प्रभारी डॉक्टर श्वेता ने बताया कि रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज अपना इलाज कराने आते हैं. संसाधन की कमी की वजह से इलाज में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि यहां, एक्सरे मशीन, ब्लड (खून) और यूरिन की जांच तुरंत करने की कोई मशीन नहीं है. इसके कारण दवा देने में कन्फ्यूजन की स्थिति रहती है. डॉक्टर ने किट्स की सुविधा नहीं मिलने का भी जिक्र किया. हालांकि डॉक्टर ने इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारी को पत्र लिखकर निजात दिलाने का आग्रह किया है. यहां तक इस अस्पताल के पास अपना एम्बुलेंस तक नहीं है. परिसर में एक भाड़े का एंबुलेंस है. मरीज की ज्यादा तबीयत खराब होने पर पटना स्थित रेलवे सेंट्रल अस्पताल में रेफर किया जाता है.
पॉली क्लिनिक अस्पताल पर ग्राउंड रिपोर्ट 20 साल बाद भी नहीं सुधरे हालात
गौरतलब है कि हाजीपुर मुख्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर रेलवे का जोनल कार्यालय है. यहां लगभग साढ़े तीन हजार रेलवे कर्मचारी ड्यूटी करते हैं. कार्यालय के अलावा 500 से ज्यादा रेलवे स्टाफ अपने परिवार के साथ रहते हैं. 20 साल बीत जाने के बाद भी यहां एक पॉली क्लिनिक अस्पताल है. जिसमें डॉक्टर और संसाधन की भारी कमी है. बहरहाल, यहां पॉली क्लिनिक अस्पताल में विस्तार के लिए रेलवे के कर्मचारी से लेकर ऑफिसरों ने दबी जुबान से अपनी मांग दोहराई है.