वैशालीः बिहार के जमुई में शहीद दारोगा प्रभात रंजन को वैशाली पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी गई. जैसे ही पार्थिव शरीर वैशाली के भगवानपुर खजूरी गांव पहुंचा, लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों में शोक की लहर दौड़ गई. बुधवार को पूरे सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई. मौके पर मौजूद स्थानीय विधायक ने सरकार से मुआवजा और अनुकंपा पर नौकरी की मांग की है.
संकट से जूझ रहा परिवारः प्रभात रंजन भगवानपुर खजूरी गांव निवासी शिवनारायण शाह के पुत्र थे. बताया जाता है कि दारोगा का पूरा परिवार संकट से जूझ रहा है. पत्नी और दोनों बच्चे उनकी मां और बड़े भाई का इलाज के लिए दिल्ली में हैं. बड़े भाई मधुकांत किडनी रोग से ग्रस्त हैं. उनकी मां सीता देवी ने अपनी किडनी दान की, लेकिन वह भी खराब हो गया. दिल्ली में इलाज चल रहा है. तीन माह पहले प्रभात रंजन को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी, लेकिन वह भी बीमार चल रहा है.
पूरे गांव में शोक का माहौलः इस घटना से वैशाली पुलिस काफी मर्माहत है. जिस समय दारोगा के शहीद होने की खबर आई, घर में कोई भी सदस्य नहीं था. ग्रामीणों के बताने पर पुलिस ने शहीद के परिजनों को दिल्ली फोन जानकारी दी. गांव के लाल प्रभात रंजन की शहादत की खबर से न केवल पैतृक गांव भगवानपुर खजूरी व उनकी ससुराल टेकनारी गांव गम में है.
एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांगः मंगलवार की देर रात शहीद का पार्थिव शरीर वैशाली पहुंचा. बुधवार की सुबह सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. पातेपुर से भाजपा विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. मृतक के आश्रित के लिए अनुकंपा के आधार पर नौकरी और सरकार से एक करोड़ रुपए की मांग की है. उन्होंने कहा दुर्भाग्य इस समाज के लिए है कि हम सभी ने एक होनहार लड़का को खो दिया.
"वैशाली एसपी से कहा इसकी पत्नी पढ़ी लिखी है कम से कम अनुकंपा के आधार पर उनको नौकरी मिलनी चाहिए. सरकार की ओर से 25 लाख रुपए दिया जाता है, लेकिन हमारी मांग है कि अनुकंपा के आधार पर पत्नी को नौकरी और एक करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाए."- लखेंद्र कुमार रौशन, विधायक पातेपुर
बताया जाता है कि शहीद दारोगा प्रभात रंजन कापी होनहार थे.पहले पंचायत नियोजित शिक्षक के रूप में अपना योगदान दिया था. शिक्षक के रूप में काम करने के दौरान ही रेलवे की नौकरी मिली थी. रेलवे में नौकरी करते हुए 2018 में दरोगा भर्ती परीक्षा में सफलता हासिल की थी. पहली पोस्टिंग उनकी सारण जिले में हुई थी. इसके बाद वहां से तबादला जमुई में हुआ था. जिले के गरही थाना में पदस्थापित थे. इसी साल टेकनारी निवासी नंदकुमार शाह की पुत्री पूजा कुमारी से शादी हुई थी. शहीद को 3 साल की पुत्री व तीन माह का पुत्र है. प्रभात रंजन दो भाई वह एक बहन में सबसे छोटे थे.