वैशालीःविश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला रविवार छह नवंबर से प्रारंभ होगा. मेले का उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव (Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) करेंगे. इस बात की जानकारी सारण डीएम राजेश मीणा (Saran DM Rajesh Meena) ने दी है. रविवार शाम 4:30 बजे उपमुख्यमंत्री इस मेले का विधिवत रूप से उद्घाटन करेंगे. यह मेला 6 नवंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर तक चलेगा. इसमें कई तरह के आकर्षक स्टॉल लगाए जाएंगे और देश-विदेश से पर्यटक यहां पहुंचेंगे. मेले के उद्घाटन के दौरान सांसद राजीव प्रताप रूडी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सारण के सभी दसों विधानसभा क्षेत्र के विधायक, राज्यसभा के उपसभापति डॉ हरिवंश, कला संस्कृति युवा मामलों के मंत्री जितेंद्र राय, श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम समेत कई सांसद और विधायक उपस्थित रहेंगे.
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दो साल बाद किया जा रहा मेले का आयोजनः सारण डीएम राजेश मीणा ने बताया कि मेले को लेकर पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां (Preparation of World Famous Sonpur Mela) पूरी कर ली गई है. कोरोना संकट के कारण 2 साल बाद मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले का आनंद लेने के लिए डीएम ने देश-विदेश के पर्यटकों को खुला आमंत्रण दिया है. साथ ही पर्यटकों के लिए सुरक्षा सहित सभी जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है. मेले के उद्घाटन को लेकर पर्यटन विभाग और सारण जिला प्रशासन के द्वारा आकर्षक आमंत्रण पत्र जारी किया गया है. जिसमें हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का गौरवशाली इतिहास भी अंकित किया गया है
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तीन थिएटर लगाने की इजाजत: दो साल बाद इस बार सोनपुर मेला लग रहा है. थिएटर देखने के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी भी है, कि प्रशासन की ओर से तत्काल तीन थिएटरों को चलाने की अनुमति दे दी गई है. जिनके पंडाल कार्य पूर्ण होते ही लाइसेंस दे दिया जाएगा. सोनपुर के एसडीएम सुनील कुमार ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि सोनपुर हरिहर क्षेत्र मेला के नखास क्षेत्र में 3 थिएटर चलाने की अनुमति दे दी गई है. प्रशासनिक देख-रेख में थिएटरों का संचालन होगा. बताते चलें कि आजादी के पहले से ही सोनपुर के हरिहर क्षेत्र मेला में नाच गाना के प्रोग्राम का आयोजन किया जाता रहा है. वहीं, अब बदलकर बीते 3 दशकों से थिएटर के रूप में विकसित हो गया है. जानकार बताते हैं कि पहले हाथी, घोड़ा और मवेशियों को खरीदने के लिए दूर-दराज से लोग आते थे, जिनके मनोरंजन के लिए नृत्य का कार्यक्रम होता था. समय के साथ इस कार्यक्रम ने भी रूप बदला और तेज धुन में अश्लील डांस ने जगह ले लिया.
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मेले में सजने लगी हैं दुकानेंःमेले में बिहार सहित देश के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल आवंटित किये गये हैं. स्टॉलों में सामग्री सजने लगी है. मेले की तैयैरियों का जायजा लेने के बाद सारण डीएम राजेश मीणा ने बताया कि सोनपुर मेले का उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव करेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सोनपुर मेला उद्घाटन करने के कयास को पूर्णविराम लग गया है. पहले सीएम नीतीश कुमार के आने की चर्चा थी. राज्य सरकार से मिली चिट्ठी के बाद स्पष्ट हो गया कि डिप्टी सीएम ही उद्घाटन करेंगे.
" 6 नवंबर से सोनपुर मेला 2 साल बाद फिर से आयोजित होगा. पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां अंतिम चरणों में है. मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, आउटडोर एक्टिविटीज,एडवेंचर स्पोर्टससहित और कई अन्य कार्यक्रम आकर्षक का केंद्र होगा. मेले में देश के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों की शॉपिंग की व्यवस्था होगी. लोगों से अनुरोध है कि बड़ी संख्या में आएं और मेले का आनंद उठाएं. विदेशी सैलानियों के लिए पर्यटन विभाग की ओर से विशेष कॉटेज बनाए गए हैं, जहां वे लोग स्टे कर सकते हैं. मेले में सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था होगी."-राजेश मीणा, सारण डीएम
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ऐतिहासिक इतिहास की दिखेगी छवि:सोनपुर के इस मेले का ऐतिहासिक, पौराणिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टिकोण के साथ ही राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पहचान है. पर्यटन विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, कला संस्कृति तथा युवा विभाग तथा जिला प्रशासन अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस महामेले को सजाने संवारने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है. आधुनिक रूप देने के उद्देश्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम, एडवेंचर, खेलकूद प्रतियोगिता, वाटर स्पोर्ट्स आर्ट्स और क्राफ्ट्स के प्रदर्शन के तहत देश विदेश के सुंदर हस्तशिल्प कारिक नमूना देखने को मिलता है. इस मेले में बड़े पैमाने पर ग्राहकों के द्वारा खरीद-बिक्री की जाती है.
आस्था और भक्ति का अद्भुत केंद्र है सोनपुर:सारण में गंगा एवं गंडक के संगम पर स्थित सोनपुर नामक कस्बे को प्राचीन काल से ही हरिहर क्षेत्र कहते हैं. देश के चार महाक्षेत्रों में एक हरिहर क्षेत्र आस्था और भक्ति का अद्भुत केंद्र है. ऐसा माना जाता है कि संगम की धारा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां पर विशाल मेला लगता है. जो मवेशियों के लिए एशिया का सबसे विशाल मेला माना जाता है. सारण जिले में यह मेला क्षेत्र सोनपुर पहलेजा घाट से लेकर हाजीपुर तक फैला है.